बीजेपी की इतनी बेइज्जती पहले कभी नहीं हुई होगी

नई दिल्ली: बीजेपी की जितनी बेइज्जती 3 फरवरी 2018 को हुई उतनी शायद ही कभी हुई हो. मामला अंकित सक्सैना नाम के लड़के की हत्या का है. दर असल अंकित सक्सैना की हत्या उसकी प्रेमिका के पिता ने गला काटकर कर दी थी . संयोग से अंकित के ससुर का धर्म इस्लाम था. इसके बाद बीजेपी ने जबरदस्त पॉलिटिक्स शुरू कर दी. सोशल मीडिया सेल ने मुसलमानों पर हमले करने शुरू कर दिए. अखलाक की हत्या से अंकित की हत्या की तुलना की जाने लगी.

मामला सोशल मीडिया तक ही नहीं रुका. नेताओं ने बयान देने शुरू कर दिए. दिल्ली प्रदेश बीजेपी के नेता मनोज तिवारी ने तो हद ही कर दी. वो अंकित के घर पहुंच गए और 1 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग करने लगे. उन्होने सांप्रदायिक बयान देना ही शुरू किया था कि घर वालों से झाड़ पड़ गई.

अंकित के चचेरे भाई ने कहा कि यहां जिसे आना है खुले दिल से आए. जिसे सहानुभूति हो वो आए. फोटो खिंचना के लिए यहां किसी नेताकी जरूरत नहीं है. जब ये बात कही गई तो मनोज तिवारी का चेहरा देखने लायक था. इससे पहले मनोज तिवारी सहज हो पाते उन्हें एक और झटका लगा. अंकित के पिता ने कहा हम इस मामले को धर्म की नजर से देखना नहीं चाहते. हम नहीं चाहते दंगे हों और किसी एक और अंकित की जन चली जाए.

हालात इतने खराब हो गए कि भीड़ के बीच मनोज तिवारी को जनता को बयान देना पड़ा कि मामला प्रेम प्रसंग में हत्या का है इसे धार्मिक रंग नहीं देना चाहिए. मनोज तिवारी ने कहा कि सीएम केजरीवाल भी परिवार से जरूर मिलें. कुछ ही देर में केजरीवाल का जवाब आ गया. बोले हां परिवार के हरिद्वार से लौटते ही मैं मिलने आऊंगा.