नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में सुंजवां आर्मी कैंप पर आतंकियों के हमले के बाद कल शोपियां में भी आतंकियों ने फायरिंग की है. हालांकि इस फायरिंग में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है. वहीं सुंजवां हमले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कैंप के बेहद करीब बसे रोहिंग्या शरणार्थियों के इलाके से ही आतंकी आए थे.
दरअसल सुंजवां आर्मी कैंप के बेहद करीब मौजूद रोहिंग्या शरणार्थियों की एक बस्ती का पता चला है. रोहिंग्या शरणार्थियों वाले इलाके से ही आतंकी आर्मी कैंप में घुसे थे. इस बस्ती में काफी रोहिंग्या परिवार रह रहे हैं और यहां इन परिवारों से कैंप की दीवार की दूरी महज कुछ मीटर है. रोहिंग्या मुसलमानों का ये इलाका आर्मी कैंप से करीब 500 मीटर ही दूर है.
भारत सरकार हमेशा रोहिंग्याओं का मुद्दा उठाती रही है. ऐसे में ये चूक कैसे हो गयी कि इन्हीं रोहिंग्या परिवारों को इसी ब्रिगेड के दीवार से कुछ ही मीटर पर बसने की इजाजत दी गयी और ये यहां रह रहे हैं ये अपने आप में सुरक्षा पर बड़े सवाल हैं.
दरअसल एबीपी न्यूज़ को सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले में रोहिंग्या शरणार्थियों की भूमिका हो सकती है. सूत्रों ने एबीपी न्यूज को बताया है कि हो सकता है कि इस हमले को अंजाम देने से पहले इन्हीं कुछ रोहिंग्या परिवारों में वो जो चार आतंकी शामिल थे और इन्हीं लोगों में से किसी ने उस कैंप तक पहुंचने में मदद की हो.
रोहिंग्या शरणार्थी म्यांमार से भाग कर भारत आए हैं. म्यांमार ने इनकी नागरिकता का अधिकार छीन लिया है. म्यांमार में बौद्ध और रोहिंग्या मुसलमानों में संघर्ष चल रहा है. रोहिंग्या मुसलमानों का एक आतंकी गुट भी है, जो म्यांमार की सेना के खिलाफ हमले करता है. एक अनुमान के मुताबिक म्यांमार से भाग कर करीब 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान भारत आ चुके हैं. सिर्फ जम्मू में ही 10 हजार से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान बस चुके हैं.