नई दिल्ली: सार्क सम्मेलन में शामिल होने के बाद देश लौटे गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में कहा कि उन्होंने सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा उठाया और कहा कि अच्छे-बुरे आतंकवाद में फर्क नहीं किया जा सकता.
राजनाथ ने पाकिस्तान की धरती पर कहा कि कोई भी देश आतंकवाद का समर्थन नहीं दे और आतंकवाद का महिमामंडन नहीं होना चाहिए.
आतंकवाद के मुद्दे को ज़ोर शोर से उठाते हुए राजनाथ ने कहा, “मैंने सार्क सम्मेलन में कहा कि आतंकी शहीद नहीं हो सकता. आतंक को बढ़ावा देने वालों पर कार्रवाई हो. “
बुरहान को शहीद बता रहा है पाक
लेकिन, इस बेरुखी के बाद नीतीश कुमार ने पीएम मोदी की पाकिस्तान नीति पर सवाल उठा दिया है. गौरतलब है कि राजनाथ सिंह मेहमान बनकर पाकिस्तान ऐसे माहौल में गए थे जब पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में 8 जुलाई को मारे गए आतंकी बुरहान वानी को शहीद साबित करने पर तुला हुआ है. भारत से बैर निकालने की होड़ में पाकिस्तान इतना नीचे गिर गया कि शिष्टाचार की सीमा लांघी.
भारत की बेइज्जती हुई
बेइज्जती नंबर-1
प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया. सार्क देशों के गृह मंत्रियों के सम्मेलन में राजनाथ सिंह से पाकिस्तानी गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने कोई गर्मजोशी नहीं दिखाई. चौधरी निसार को अदांजा रहा होगा कि पाकिस्तान की जमीन पर आकर राजनाथ सिंह पाकिस्तान को ही सुनाने वाले हैं. यही हुआ भी. राजनाथ के भाषण का वीडियो आप इसलिए नहीं देख पाए क्योंकि पाकिस्तान ने प्रसारण नहीं होने दिया. हालांकि बाद में सफाई आई कि केवल मेजबान का भाषण दिखाते हैं.
बेइज्जती नंबर -2
पाकिस्तान की हरकत यही नहीं रूकी. चौधरी निसार ने आतंकियों को आजादी का सिपाही कह दिया. पहले से तय था कि पाकिस्तान में औपचारिक बात नहीं होगी.
बेइज्जती नंबर-3
निसार के कहने पर राजनाथ लंच के लिए तैयार हो गए लेकिन राजनाथ के आने से पहले ही मेजबान निसार खिसक लिए. राजनाथ लंच में गए ही नहीं. होटल में लंच किया और फिर देश लौट आए. अपमानित राजनाथ दिल्ली एयरपोर्ट से सीधे पीएम मोदी से जाकर मिले. इसबीच जो हुआ उसने विरोधियों को मोदी की पाकिस्तान नीति पर सवाल उठाने का मौका दे दिया. नीतीश कुमार ने कहा है कि पीएम ने कहा था कि ‘लव लेटर’ नहीं चलेगा. ऐसे में पाकिस्तान से लव लेटर कब तक चलेगा.