नई दिल्ली : अगर सुबह सुबह दिल्ली सरकार के अफसर आपको सार्वजनिक शौचालय के बाहर लाइन में खड़े मिलें या शौचालयों की विडियो बनाते नज़र आएं तो चौंकिएगा मत. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक वरिष्ठ अधिकारी की ड्यूटी सामुदायिक शौचालयों का दौरा करने के लिए लगा दी है. सीएम केजरीवाल के आदेशानुसार वरिष्ठ अधिकारी को 11 फरवरी से 17 फरवरी तक की रिपोर्ट सौंपनी है. इस दौरान वरिष्ठ अधिकारी को रोज सुबह 6 बजे 5 सामुदायिक शौचालयों का दौरा करना होगा. सीएम अरविंद केजरीवाल ने यह फैसला सामुदायिक शौचायलयों में पानी और बिजली की कमी की शिकायतों के मद्देनजर लिया.
शनिवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली एक आपात बैठक में ये फैसले लिए गए. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सदस्यों ने पिछले कुछ महीनों में सीईओ के काम को लेकर असंतोष व्यक्त किया था. पहले जहां इस बाबत काफी तारीफ मिल रही थी, वहां पिछले कुछ समय से मीडिया में नकारात्मक चीजें जा रही थीं. सदस्यों ने यह भी कहा कि इन मुद्दों ने तब और जोर पकड़ा जब सरकार ने शौचालयों का उपयोग निशुल्क करने और 24 घंटों के लिए उन्हें खुला रखने का फैसला लिया.
मिरर नाउ की खबर के मुताबिक विधायक और अन्य लोगों की शिकायत के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने आईएएस अधिकारी और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) के सीईओ शूरबीर सिंह से एक हफ्ते के भीतर मामले की रिपोर्ट सौंपने को कहा है. अरविंद केजरीवाल ने सिंह को निर्देश दिया है कि वह स्थिति से निपटने के लिए तत्काल उपाय करें.
अधिकारी के दौरे के लिए शौचालयों की जगह दिल्ली के महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) द्वारा तय की जाएगी, आयोग के प्रतिनिधि भी सीईओ के साथ दौरे में होंगे. एक आधिकारिक बयान के अनुसार रिपोर्ट में सामुदायिक शौचालयों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी शामिल करनी होगी, जिससे वहां किए गए अन्य उपायों के साथ साफ-सफाई और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके. मुख्यमंत्री की बैठक में डीयूएसआईबी के सदस्यों और विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी, सही राम और हजारी लाल ने डीयूएसआईबी के अधिकारियों के द्वारा काम नहीं किए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी.