समर्पित नक्सलवादी नेता और 2013 से लगातार पुलिस के साथ काम कर रहे रमेश के खुलासे के बाद RSS और बीजेपी की कार्यशैली पर एकलबड़ा सवाल खड़ा हो गया है. रमेश हाल ही में नक्सलियों की 50 किलो की आइ ई डी बरामद करवाकर खबरों में आया था. रमेश के मुताबिक बीजेपी के कई नेता आला माओवादी नेताओं से मिलते रहते हैं
साल 2013 में माओवादी संगठन को छोड़ देने वाले रमेश ने रविवार को ही जगदलपुर जिले की पुलिस को एक अहम जानकारी देकर जगदलपुर दंतेवाडा मार्ग पर लगे 50 किलो के आईईडी को बरामद करवाया था.
इसके बाद एक टीवी चैनल से एक खास बातचीत में आत्मसमर्पित माओवादी रमेश ने खुलासा करते हुए सनसनी फैला दी हैं कि माओवादी संगठन से बीजेपी के नेता भी समय-समय पर मिलते हैं.
साल 2001 में नक्सल संगठन में शामिल हुआ रमेश 12 सालों तक नक्सल संगठन में मिलिट्री दलम में बम लगाने का काम करता था. 2013 में नारायणपुर में आत्मसमर्पण करने वाले रमेश को उसकी योग्यता के आधार पर पुलिस ने उसे डीआरजी फोर्स में शामिल किया. तब से रमेश माओवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने में सुरक्षा बलों को मदद करने का काम करने के राजनैतिक दल के नेता, जिसमें बीजेपी के लोग शामिल हैं ये लोग भी समय-समय पर नक्सलियों से मिलते रहते हैं.
गौरतलब है कि अब तक कांग्रेस के पूर्व नेता और छत्तीसगढ के पूर्व सीएम अजीत जोगी पर नक्सलियों से साठंगाठ के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन ये पहला मामला है जब किसी नक्सल संगठन से किसी जमाने में ताल्लुक रखने वाले आत्मसमर्पित नक्सली ने ये खुलासा किया है कि बीजेपी के नेता भी माओवादियों से मिलते हैं.
गौरतलब है कि रविवार को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर के जगदलपुर जिले के बास्तानार घाट में सीआरपीएफ और कोडेनार पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के दौरान 8 साल पहले लगाए गए 50 किलोग्राम का इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बम बरामद किया.
यह बम किसी समय में सुरक्षा जवानों की जान का दुश्मन बना आत्मसमर्पित माओवादी रमेश ने ही लगाया था.