नई दिल्ली : राजधानी में 3 हजार से ज्यादा प्राईवेट स्कूलों पर ताला लग सकता है. इन स्कूलों के मैनेजमेंट से लेकर बच्चे और उनके पेरेंट्स तक सभी घबराए हुए हैं, क्योंकि दिल्ली सरकार ने इन्हें बंद करने का आदेश दे दिया है. ये सभी स्कूल वो हैं जिन्हें सीबीएसई से मान्यता नहीं मिली है. ऐसे स्कूल जो छोटे हैं, घरों में चलते हैं और जिन्हें मान्यता प्राप्त नहीं है. ये सभी स्कूल निम्न मध्यमवर्ग के स्कूलों के काम आते थे.
दिल्ली सरकार ने इन सभी स्कूलों से ऐकडेमिक ऐक्टिविटी बंद करने को कहा है, जो कि रिकॉग्नाइज्ड नहीं हैं. शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि ऐसा ना करने पर उन पर सख्त ऐक्शन लिया जाएगा. निदेशायल ने पैरंट्स से भी अपील की है कि वे अपने बच्चों का ऐडमिशन मान्यता मिले स्कूल में ही करवाएं. जिन बच्चों का ऐडमिशन गैर मान्यता वाले स्कूल में पहले से है, उनके पैरंट्स को निदेशालय ने साफ किया है कि वे ऐकडेमिक सेशन 2018-19 से नए स्कूल में ऐडमिशन के लिए प्लान कर लें.
दरअसल दिल्ली के इन बजट स्कूलो में 10 लाख बच्चे पढते है तो वही तकरीबन 30 हजार शिक्षक इन स्कूलों से जुडे हुए है. ऐसे में बच्चो के साथ साथ इतने शिक्षको के रोजगार पर भी असर पडेगा.
यानि अगर ये फैसला जारी रहा तो ना केवल दस लाख बच्चों पर बड़ा असर पडने वाला है..बल्कि हजारों परिवारों पर रोजगार का भी संकट हो सकता है.
स्कूल को शिक्षा निदेशालय या फिर एमसीडी, एनडीएमसी या दिल्ली कैंट बोर्ड से मान्यता मिली होनी चाहिए. निदेशालय ने साफ किया है कि अगर वे ऐडमिशन गैर मान्यता प्राप्त स्कूल में उसका ऐडमिशन करवाते हैं तो भविष्य में बच्चे के करियर में खलल पड़ सकता है. दिल्ली में ऐसे करीब 2,500-3,000 स्कूल हैं.
एजुकेशन डायरेक्टर सौम्या गुप्ता ने नोटिस जारी कर कहा है कि शिक्षा निदेशालय को पता चला है कि दिल्ली में कई गैर मान्यता वाले स्कूल चल रहे हैं. राइट टु एजुकेशन ऐक्ट 2009 के तहत इन स्कूलों ने सही अथॉरिटी से मान्य्ता हासिल नहीं की है.
सभी स्कूलों को आदेश दिया है कि डिपार्टमेंट ने कहा है कि राइट टु एजुकेशन ऐक्ट 2009 के तहत वे सभी सोसायटी, ट्रस्ट, एजेंसी, ऑर्गनाइजेशन, इंडिविजुअल जो प्राइमरी/एलिमेंट्री/सेकंड्री/सीनियर सेकंडरी लेवल के गैर मान्यता प्राप्त स्कूल चला रहे हैं, वे एजुकेशन ऐक्टिविी ऐकडेमिक सेशन 2018-19 से बंद कर दें, वरान राइट ऑफ चिल्ड्रन टु फ्री ऐंड कंप्ल्सरी एजुकेशन ऐक्ट 2009 के तहत ऐक्शन लिया जाएगा.