नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की कथित मारपीट के मामले में एमएलसी रिपोर्ट को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. एमएलसी रिपोर्ट को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. जो बातें सामने आ रही हैं वो सीफ सेक्रेटरी के मारपीट के तर्कों को सिरे से खारिज करने वाली है.
दर असल मुख्य सचिव को लेकर तीन सबूत हैं जो मारपीट की थ्योरी पर सवाल खड़े करते हैं. पहला सबूत है सीसीटीवी फुटेज.
जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया है उसका समय रात 11 बजकर 30 मिनट का है इस समय को आगे ध्यान रखिएगा क्योंकि एमएलसी का वक्त इससे अलग है. लेकिन फुटेज में मुख्य सचिव आराम से चलते दिख रहे हैं. उनके हावभाव ने नहीं लगता कि उन्हें चोट लगी है और चेहरे पर एक सेंटीमीटर लंबा और आधा सेंटीमीटर चौड़ा घाव है. वो फुटेज में आराम से जाते दिख रहे हैं लेकिन एक बार भी उनका हाथ चेहरे पर नहीं जाता जहां एमएलसी रिपोर्ट के मुताबिक खून का रिसाव हो रहा होगा. उन्होंने चोट पर रूमाल तक नहीं लगाया है.
दूसरा दस्तावेज़ है एमएलसी. एमएलसी यानी मेडिकल रिपोर्ट . डॉक्टरों की ये रिपोर्ट कहती है कि चोट रात 12 बजे के बाद लगी लेकिन सीसीटीवी में मुख्य सचिव साढ़े 11 बजे ही केजरीवाल के घर से निकलते लग रहे हैं. यानी रिपोर्ट कहती है कि अंशु प्रकाश को चोट घर से निकलने से बाद लगी .
तीसरा दस्तावेज़ है अंशु प्रकाश की तस्वीरें. हमले के बाद अंशु प्रकाश की कई तस्वीरें सामने आई है. अखबारों में और टीवी चैनल्स पर दिखाई गईं इन तस्वीरों में अंशु प्रकाश कभी राजनाथ सिंह से मिलने तो कभी एलजी से दो घंटे तक मुलाकात करके बाहर आते दिखाई दे रहे हैं. लेकिन किसी भी तस्वीर में न तो चोट दिखाई दे रही है न सूजन.
इन तर्कों और दस्तावेज़ो में हो सकता है कुछ और भी पहलू हो लेकिन असल फैसला जांच से होगा. बस इतना हो कि जांच किसी के प्रभाव में न हो.