नई दिल्ली : 9 फरवरी को नॉकिंग न्यूज़ ने खबर दी थी कि मुख्यसचिव से कथित मारपीट के मामले में दिल्ली के सीएम केजरीवाल पर दफा 307 का मुकदमा दर्ज करने की तैयारी चल रही है. अब खबरें आ रही हैं कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ये मामला आगे बढ़ाया जा सकता है. बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज के ज़रिए उन सभी विधायकों को पहचान लिया है और कल तक इसकी रिपोर्ट आ जाएगी. दिल्ली के सीएम क सलाहकार वीके जैन के इसके लिए गवाह बनाने की कोशिशें चल रही है.
सीसीटीवी के आधार पर विधायकों की लिस्ट बनाई जा रही है और सभी विधायकों को मामले में आरोपी बनाया जाएगा. अब तक पुलिस को उस रात मुख्यमंत्री आवास पर जनकपुरी के पूर्व विधायक राजेश ऋषि, वजीरपुर के पूर्व विधायक राजेश गुप्ता, किराड़ी के विधायक ऋतुराज गोविंद, कस्तूरबा नगर के पूर्व विधायक मदन लाल, जंगपुरा के पूर्व विधायक प्रवीण कुमार, संगम विहार के विधायक दिनेश मोहनिया और बुराड़ी के पूर्व विधायक संजीव झा के भी मौजूद होने की जानकारी मिली है. सोमवार तक इस पर कागज़ात तैयार कर लिए जाएंगे.
हालांकि जानकार मान रहे हैं कि जितनी चोट मुख्य सचिव को लगने का दावा किया जा रहा है उसमें 307 का मामला नहीं बनता . उधर पुलिस का कहना है कि कई लोगों का मारपीट के इरादे से इकट्टा होना, षड्यंत्र के तहत अपने घर बुलाना जैसी कहानियां जान से मारने की कोशिश करने के मुकदमे के लिए आधार बन सकती हैं.
उधर दिल्ली के राजनीति हालात पर राजनाथ सिंह को जो रिपोर्ट भेजी गई है उसे भी राष्ट्रपति को भेजने का विकल्प अभी तक केन्द्र सरकार ने अपने हाथ में रखा है. अगर गंभीर मुकदमे दायर करने में कामयाबी मिलती है तो ये सिफारिशें भेजी जा सकती है. इस मामले पर एक दुविधा राजनीतिक है . 2019 में बीजेपी को चुनाव में जाना है दिल्ली की सरकार गिराना हो सकता है कि पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हो. सूत्र बताते हैं इसी लिए अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया.
उधर अधिकारी सोमवार को या उसके अगले एक दो दिन में मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल से भी पूछताछ कर सकते हैं.
कुल मिलाकर वीके जैन, सीसीटीवी फुटेज, विधायकों की मौजूदगी, खुद मुख्य सचिव के बयान कुछ ऐसे मामले हैं जो केजरीवाल और सिसोदिया को घेरने के लिए काफी हैं. लेकिन राजनीतिक गुणा भाग के आधार पर ही कोई बड़ा कदम उठाया जाएगा. ये माना जा रहा है कि कोई सख्त कदम उठाने के बजाय दोनों नेताओं के केन्द्र की बीजेपी सरकार अपने नियंत्रण में रखने के लिए इन मुकदमों का राजनीतिक इस्तेमाल करे.