नई दिल्ली : अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, चीन, तुर्की और इंडोनेशिया के राजदूत पाकिस्तान में एलओसी के पास आए उन्हें पाकिस्तान ने अपने नज़रिए से भारत की गोलीबारी से हुए नुकसान से रूबरू करवाया.
पाकिस्तान आर्मी ने कहा कि इस दौरे का मकसद राजदूतों को ‘भारतीय सैनिकों की ओर से लगातार संघर्ष विराम के उल्लंघन’ के मद्देनजर ताजा हालात की प्रत्यक्ष जानकारी देना था. रावलकोट भारत के पुंछ जिले से सटा पाकिस्तानी इलाका है.
शनिवार को पाकिस्तान आर्मी की ओर से की गई गोलाबारी से स्यालकोट और चुरंदा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए जो नियंत्रण रेखा से महज 2000 फीट की दूरी पर हैं. वहीं, सीमा से थोड़ी दूरी पर स्थित बालकोट, तिलावारी, थजाल, बाटगरा और हाथलंगा जैसे गांवों को भी नुकसान पहुंचा. सरकार और सेना के अधिकारी सुबह से ही ऐंबुलेंसों और अन्य वाहनों के जरिए ग्रामीणों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने में जुट गए.
शुक्रवार को पाकिस्तान आर्मी के मीडिया आर्म इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, चीन, तुर्की और इंडोनेशिया के दूतों को ‘भारत के अत्याचारों जिनमें नागिरकों को निशाना बनाना भी शामिल है’, की जानकारी दी गई. आईएसपीआर ने कहा कि हाल के हफ्तों में भारत की गोलाबारी से कुछ नागरिकों को भी नुकसान पहुंचा है. उसने कहा कि छह देशों को दूतों ने सीमा पार गोलाबारी के पीड़ितों से बातचीत की. पाकिस्तानी आर्मी ने उन दूतों को पाक अधिकृत कश्मीर में चलाए जा रहे राहत अभियान की भी जानकारी दी.
इस्लामाबाद में बैठे राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा कि राजदूतों के दौरे को पाकिस्तान सरकार की ओर से बड़े देशों को यह बताने की कोशिश के तौर पर देखा जाना चाहिए कि वह वास्तव में पीड़ित है और नियंत्रण रेखा पर बहुत संयम बरत रहा है. बहरहाल, ध्यान देने वाली बात यह है कि तुर्की के सिवा उन सभी देशों ने पाकिस्तान को टेरर फंडिंग वाली वॉचलिस्ट में डाले जाने का समर्थन किया था जिनके राजदूतों को रावलकोट लाया गया था.
राजदूतों के दौरे के अगले ही दिन पाकिस्तानी सेना ने शनिवार को भारतीय सीमा में भारी गोलाबारी की. पाकिस्तानी सेना की इस गोलाबारी से स्यालकोट और चुरंदा गांवों के सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा और पांच मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए. उसके बाद भारतीय सेना ने भी कड़ा जवाब दिया.
शनिवार सुबह गोलाबारी शुरू करने से पहले पाकिस्तानी जवानों ने लाउडस्पीकर से भारत के सीमावर्ती इलाकों के लोगों को भागने की हिदायत दी. पाकिस्तानी जवानों ने अपने चकोठी पोस्ट से लाउडस्पीकरों के जरिए ऐलान किया, ‘मकबूजा कश्मीर (भारतीय क्षेत्र में पड़नेवाला कश्मीर का इलाका) के लोग सुरक्षित जगहों पर चले जाएं ताकि आपको भारतीय सेना की गोलाबारी के जवाब का नुकसान नहीं भुगतना पड़े.’ चकोठी पोस्ट भारत में बारामुला जिले के उड़ी सेक्टर से लगे पाकिस्तानी इलाके मे हैं.