बड़े अखबार के मालिकों की गिरफ्तारी का आदेश, 7534 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप

नई दिल्ली : दैनिक भास्कर समूह के एक हिस्से के मालिक गिरीश अग्रवाल और सुधीर अग्रवाल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. मामला मप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम में हुए करोडों रुपयों के घोटाले से जुड़ा है. आरोप है कि मप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम के अफसरों ने षडयंत्र पूर्वक बेईमानी के इरादे से छल करते हुए करीब 42 डिफॉल्टर कंपनियों से सांठ-गांठ कर उनको अवैध रूप से फायदा पहुंचाया. इससे सरकार और निगम को करीब 719 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. 31 सितंबर 2017 तक इस नुकसान का आंकड़ा ब्याज सहित 7534.57 करोड़ हो चुका है.

इस मामले में दोनों को स्पेशल कोर्ट में पेश होना था लेकिन वो नहीं पहुंचे. इस मामले में विशेष न्यायाधीश सविता दुबे की अदालत में केस चल रहा है.

ईओडब्‍ल्‍यू के प्रेस नोट में कहा गया है कि चालान पेश होने के दौरान आरोपी नागेन्द्र मोहन शुक्ला विशेष अदालत के समक्ष हाजिर हुए, उनकी ओर से जमानत याचिका पेश की गई जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने उनको जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए . मामले के अन्य आरोपी कंपनी मेसर्स भास्कर इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सुधीर अग्रवाल तत्कालीन संचालक और गिरीश अग्रवाल तत्कालीन संचालक विशेष अदालत में उपस्थित नहीं हुए इस पर अदालत ने दोनों के खिलाफ गिरफतारी वारंट जारी करने के आदेश दिए हैं.

इस मामले में भास्कर इंडस्ट्रीज लिमिटेड सुधीर अग्रवाल और  गिरीश अग्रवाल और नागेन्द्र मोहन शुक्ला के अलावा औद्योगिक विकास निगम के तत्कालीन अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिंह और संचालक नरेन्द्र नाहटा, समेत कई लोगों के खिलाफ विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 409,420,467,468,471 और 120 बी के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1)(डी) और 13(2) के तहत चालान पेश किया है.

मप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम भोपाल में घोटाले की सूचना पर ईओडब्ल्यू द्वारा एमपीएसआईडीसी में हुई गड़बडिय़ों और अनियमितताओं के संबंध में रिपोर्ट पर दर्ज कर मामला जांच में लिया गया. विवेचना के बाद आरोपी 5 लोकसेवक राजेन्द्र कुमार सिंह तत्कालीन अध्यक्ष एमपीएसआईडीसी ,अजय आचार्य तत्कालीन संचालक एमपीएसआईडीसी ,जेएस राममूर्ति तत्कालीन संचालक एमपीएसआईडीसी, एमपी राजन तत्कालीन प्रबंध संचालक एमपीएसआईडीसी और नरेन्द्र नाहटा तत्कालीन अध्यक्ष एमपीएसआईडीसी सहित 20 कंपनियों के प्रवर्तक और संचालकों के खिलाफ जांच के बाद पहले चालान पेश किया जा चुका है. (तथ्य एवं जानकारियां राजकाज न्यूज़ के सौजन्य से)