वीकली ऑफ पर काम करवा रहा था, सवा दो लाख का जुर्माना लगा

नई दिल्ली: भारत में पेल के काम लो, महीनों वेतन मत दो, वेतन दो तो काट लो, आधी अधूरी तनख्वाह दो, कोई छुट्टी ले ले तो स्यापा करो, आधी रात को फोन करके बिजनेस की बातें करो. बस चले तो घर पर भी काम देकर भेज दो. कोई कुछ नहीं करेगा. लेबर कोर्ट जाओ तो कोई सुनेगा नहीं. दिल करे तो बच्चों को काम पर लगा दो. खुल्ली छूट है. यहां 15000 रुपये महीने से कम में काम करने वाले 90 फीसदी लोग 12 घंटे काम करते हैं जबकि रूल 8 घंटे का है, लेकिन सभ्य देशों में ऐसा नहीं है.

ये खबर फ्रांस की है. वहां बेकरी का अपना छोटा सा बिजनेस करने वाले एक शख्स पर तीन हजार यूरो (करीब 2.3 लाख रुपए) का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना इसलिए लगा है क्योंकि भाई साहब छुट्टी के दिन भी काम करवा रहे थे. साथ में खुद भी जुटे हुए थे.

संबंधित ऑथोरिटी ने पाया कि इस बिजनेसमैन ने साप्ताहिक छुट्टी पर काम किया . कानून अपने भारत में भी यही है. छुट्टी के दिन दुकान खोलने पर चालान होता है लेकिन एक्शन नहीं होता.

खैर ! फ्रांस में वो चाहे नौकरी करने वाला कर्मचारी हो या फिर अपना बिजनेस करने वाला या दुकानदार हो हफ्ते में एक दिन छुट्टी तो लेनी ही होगी. जिस शख्स वेबर पर जुर्माना लगाया गया है, उसकी पेरिस से 120 किमी दक्षिण-पूर्व में लुसिंगनी में बेकरी की दुकान है. वेबर को गर्मियों की छुट्टियों के सीजन के चलते काफी ऑर्डर मिले, माल बनाने के लिए उसने हफ्ते के सातों दिन काम किया.  लेबर लॉ के मुताबिक, हफ्ते में छह दिन ही एक छोटा बिजनेसमैन काम कर सकता है. ये कानून मजदूरों को शोषण से बचाने के लिए बनाए गए हैं.

कईयों को मिर्ची भी लगी

वहां भी हमारे इंडिया जैसे लोग हैं. उनको लगता है कि आदमी की जन नहीं ली तो क्या किया. सरकार में हर जगह ऐसे ही लोग आ जाते हैं. उस शहर के मेयर क्रश्चियन ब्रेनले को ये जुर्माना लगाना अच्छा नहीं लगा. उनका मुंह बन गया है. काफी निराश हैं. उन्होंने इस फैसले पर निराशा जाहिर की है. ब्रेनले ने कहा है कि इस तरह के कानून हमारे कारोबारियों का काम ठप कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस तरह के लॉ व्यवहारिक नहीं हैं.

आदमी की जिंदगी नरक किए रहो. बीवी बच्चों को टाइम न दे सके तो सब व्यावहारिक है.