नई दिल्ली : लाल किला भले ही आपके देश की धरोहर हो. भारत के गौरव और मान सम्मान ता प्रतीक हो लेकिन वो इससे भी ज्यादा अब सिर्फ धंधे की चीज़ होगा. आप भारत के नागरिक हैं. देश पर गर्व करते हैं लेकिन अगर आपके पास पैसे नहीं हैं तो लाल किले में घुस नहीं सकते. ठेका डालमिया को दिया गया है आपको याद होगा डालमिया परिवार के विष्णुहरि डालमिया राम मंदिर आंदोलन के दौरान विश्वहिंदू परिषद में बेहद अहम जगह पर थे. अब ये कॉर्पोरेट घराना लाल किले का मालिक होगा. पांच साल तक यहां कोई नहीं घुस सकेगा जबतक ये घराना इजाजत न दे. इजाजत के बदले में फीस देनी होगी.
राष्ट्रीय गौरव को धंधेबाज़ी बना देने के इस खेल को गोद लेने का नाम दिया गया है. मुगल बादशाह शाहजहां ने 17वीं शताब्दी में इसका निर्माण करवाया था. अंग्रेजों के भारत छोड़ने के बाद स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हर साल 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री तिरंगा फहरा कर आजादी का जश्न मनाते हैं, जिसमें देश का हर नागरिक शरीक होता है.
डालमिया ग्रुप ने नरेंद्र मोदी सरकार की ‘अडॉप्ट ए हेरिटेज’ नीति के तहत इसे गोद लिया है. लाल किला को अडॉप्ट करने की होड़ में इंडिगो एयरलाइंस और जीएमआर ग्रुप जैसी दिग्गज कंपनियां भी शामिल थीं. लेकिन, डालमिया भारत ग्रुप ने इन्हें पछाड़ते हुए पांच साल के कांट्रैक्ट पर ऐतिहासिक इमारत को गोद लिया है. इस बाबत डालमिया भारत ग्रुप ने 9 अप्रैल को ही पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के साथ समझौता किया था.
एक झटके में लाल किले के भाग्य विधायता बन गए डालमिया ग्रुप ने फरमान जारी किया है कि लाल किले को यूरोप के किलों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा . डालमिया भारत ग्रुप के सीईओ महेंद्र सिंघी ने कहा कि लाल किला में 30 दिनों के अंदर काम शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘लाल किला हमें शुरुआत में पांच वर्षों के लिए मिला है. कांट्रैक्ट को बाद में बढ़ाया भी जा सकता है.
हर पर्यटक हमारे लिए एक कस्टमर होगा और इसे उसी तर्ज पर विकसित किया जाएगा. हमारी कोशिश होगी कि पर्यटक यहां सिर्फ एक बार आकर ही न रुक जाएं, बल्कि बार-बार आएं. यूरोप की कुछ किलाएं लाल किला के मुकाबले बहुत ही छोटे हैं, लेकिन उन्हें बहुत ही बेहतरीन तरीके से विकसित किया गया है. हमलोग भी लाल किला को उसी तर्ज पर विकसित करेंगे और यह दुनिया के सबसे बेहतरीन स्मारकों में से एक होगा.’ बता दें कि कांट्रैक्ट के तहत डालमिया ग्रुप को तय समयसीमा के अंदर लाल किला में विकास कार्य कराने होंगे.
कंपनी ने बताया कि लाल किला के अंदर होने वाली गतिविधियों से इकट्ठा राजस्व का ऐतिहासिक इमारत के रखरखाव और उसके विकास पर ही खर्च करने की योजना है. स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए लाल किला को जुलाई में सुरक्षा एजेंसियों के हवाले करना होगा, ताकि प्रधानमंत्री द्वारा किए जाने वाले झंडारोहण के लिए जरूरी सुरक्षा इंतजाम किए जा सकें. मालूम हो कि पीएम नरेंद्र मोदी इस साल मौजूदा कार्यकाल में आखिरी बार लाल किला के प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे.
आपको बता दें कि लालकिले का एक बड़ा हिस्सा सुरक्षा एजेंसियों के पास है और वहां सेना के बेहद गुप्त ऑपरेशन अंजाम दिए जाते हैं. लाल किला प्राइवेट कंपनियों को देने से इन इलाकों की सुरक्षा पर भी असर पड़ सकता है.
It is very unfortunate that this government is destroying our heritage. This government was based on swadesi. RSS was also the advocate of swadesi but now
this government is privatising in every field. this is government for
capitalist not for general peoples.
Its their when manmohan singh first stepped-in in politics. This government is worst as communal also.