नई दिल्ली : क्या एनडीटीवी के असली मालिक मुकेश अंबानी हैं ? क्या अंबानी ने गुपचुप तरीके से एनडीटीवी पर कब्जा कर लिया है. इस बात का खुलासा बाजार पर निगरानी रखने वाली संस्था सेबी के एक नोटिस के बाद हुआ है. मुकेश अम्बानी से जुडी कम्पनी VCPL को आदेश दिए हैं कि वे देश की चर्चित मीडिया कम्पनी NDTV की 52 फीसदी हिस्सेदारी सार्वजनिक करे. VCPL ने कांग्रेस सरकार के दौरान यानी 2009 में NDTV के मालिक प्रणॉय रॉय को आर्थिक मंदी से बाहर निकालने के लिए 350 करोड़ रूपए की मदद की थी.
कन्वर्टिबल लोन के ज़रिये अम्बानी की इस कम्पनी ने चुपचाप NDTV के अधिकांश हिस्सेदारी ले ली थी. यानि देश भले ही न जानता हो पर अम्बानी ही पिछले कई साल से NDTV के असली मालिक हैं. सेबी ने NDTV के पुराने मालिक प्रणॉय रॉय को भी नोटिस दिया है कि वे बताएं की उन्होंने रिलायंस से इतना बड़ा कनवर्टिबल लोन लेने की जानकारी क्यों छुपाई.
सेबी ने अब मुकेश अम्बानी की कम्पनी VCPL को ४५ दिन का समय दिया है कि वे NDTV के मामले में सार्वजनिक ऑफर करें और शेयर धारकों को दस फीसदी का ब्याज भी अदा करें जो उन्होंने नहीं किया है. सेबी का ये भी कहना है कि अम्बानी की कम्पनी ने NDTV को टेकओवर करते समय कई तरह के कानूनों का उलंघन किया है.
जानकारों का कहना है कि इस डील से अंदर ही अंदर देश के सबसे अमीर आदमी और रिलायंस के अध्यक्ष मुकेश अम्बानी की बड़ी किरकिरी हुई है. दरअसल NDTV के राजनैतिक रुख को बीजेपी और संघ के ज्यादातर नेता पसंद नहीं करते हैं और खुला विरोध करते आये हैं. यहाँ तक की NDTV के हिंदी और अंग्रेजी चैनल में बीजेपी के प्रवक्ताओं ने अघोषित बहिष्कार कर रखा है. जबकि अम्बानी खुद को पीएम मोदी का करीब होने का सन्देश देते हैं और उनका टीवी नेटवर्क 18 पूरी तरह से सरकार की तरफदारी करता है. लेकिन ये बात सामने आने से की बीजेपी का मुखालिफ चैनल NDTV भी अम्बानी परिवार का है इससे संघ को रिलायंस की दो धारी कूटनीति का पता चला. यही कारण है कि इस मामले की पहली शिकायत सेबी से संघ के थिंक टैंक एस गुरुमूर्ति ने की थी.