जहां सरकार की बदनामी होनी हो दिल्ली पुलिस लीपापोती में लग जाती है. दिल्ली में देह व्यापार का रैकेट पकड़ा तो दिल्ली पुलिस महिला आयोग को झुठलाने लगी. अब जब आज उमर खालिद पर हमला हुआ तो पुलिस ने गोली चलने की बात से इनकार किया लेकिन ये झूठ दो घंटे भी नहीं टिक सका. मीडिया को एक गवाह मिल गया जिसने ये सारी कहानी बता दी.
हुआ ये कि 15 अगस्त पर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतज़ामों के बीच आज संसद से एक किलोमीटर दूर जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद पर गोली चलाई गई. गोली उनके सिर के पास से गुजर गई . हमला दिल्ली में संसद भवन के पास स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब के ठीक बाहर हुआ.
खालिद के साथ कांस्टीट्यूशन क्लब के बाहर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, ‘‘ एक कार्यक्रम था, हमलोग उमर खालिद के साथ थे, हमलोग एक चाय दुकान पर थे, जब सफेद शर्ट में एक शख्स आया, उसने खालिद का गला पकड़ लिया, और गोलियां चलाई. हिम्मत दिखाते हए ए खालिद ने खुद को छुड़ाने की कोशिश की, खालिद का संतुलन बिगड़ा और वे नीच गिर गये, गोली उन्हें नहीं लगी. इस शख्स ने कहा कि ‘‘गोली चलने की आवाज आने के साथ वहां भगदड़ मच गई.
हमलोगों ने उसे पकड़ने की कोशिश की, उसने हवा में गोलियां चलाई, भागने के दौरान उसके हाथ से पिस्टल गिर गया, लेकिन वह भागने में कामयाब रहा.”
बता दें कि उमर खालिद यहां पर ‘यूनाइटेड अगेंस्ट हेट’ संगठन के ‘खौफ से आजादी’ नामक एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे. घटना के बाद में खालिद ने कहा, ‘‘देश में खौफ का माहौल है और सरकार के खिलाफ बोलने वाले हर व्यक्ति को डराया-धमकाया जा रहा है.” पुलिस घटनास्थल पर है और मामले की जांच कर रही है.
पुलिस ने वह हथियार जब्त कर लिया है जो आरोपियों के भागते समय उनके हाथों से गिर गया था.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि घटना की जांच की जा रही है. दिल्ली पुलिस के डीसीपी मधुर वर्मा ने कहा, “इसकी सत्यता की जांच की जा रही है, उसने कहा कि उस पर हमला हुआ था, कोई उमर खालिद पर कूदा और उसे धक्का दे दिया, उसके बाद उसने खालिद पर फायरिंग करने की कोशिश की, लेकिन ये शख्स गोली नहीं चला सका, लोगों ने उसका पीछा करने की कोशिश की.
खालिद के मुताबिक हमलावर ने हवा में फायरिंग की.” उमर खालिद पर हमले की जेएनयू की छात्र नेता शहला रसीद ने कड़ी निंदा की है और कहा है कि देश में नफरत का माहौल बनाया जा रहा है.