देश स्वतंत्रता दिवस के जश्न में डूबा था. हर तरफ जश्न का माहौल था. कही पतंगें उड़ाई जा रही थी तो कहीं झंडा लहराया जा रहा था. कश्मीर के हाल के तनाव के मद्देनजर इस पूरे माहौल में सबसे ज्यादा अगर कोई तनाव में था सो वो थीं सुरक्षा एजेंसियां. जगह-जगह पुलिस की पिकेटिंग की गई थी. अफसरों ने पूरी रात जागकर काटी थी. रेल्वे के अफसरों की हालत भी ऐसी ही थी. अचानक एक ऐसी खबर आयी कि सबके होश उड़ गए. रेल्वे कंट्रोल रूम को एलर्ट मिला कि एक पटरी पर दो ट्रेनें आमने-सामने आ गई हैं.
दोनों ट्रेनें एक दूसरे की तरफ बढ़ रही थीं तभी अचानक सही समय पर ट्रेन के ड्राइवर की नजर सामने वाली ट्रेन पर पड़ गई. उसने इमर्जेंसी ब्रेक लगा दिया, लेकिन फ्र भी ट्रेन बढ़ती ही जा रही थी. लेकिन धीरे धीरे ट्रेन बहुत से मामूली फासले पर रुक गई.
ये हादसा जानलेवा तो नहीं था लेकिन इससे सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं. हाल ही में आइसिस की अपील और उसके बाद पेरिस में ट्रक लोगों पर चढ़ा देने के बाद डर था कि ये कहीं आतंकी वारदात न हो. अब मामले की गहन जांच हो रही है.
यह घटना 15 अगस्त की है. शाम को राजधानी की दिलकुशा गार्डन क्रॉसिंग पर 4294 लखनऊ प्रतापगढ़ पैसेंजर ट्रेन और 54333 लखनऊ बालामऊ पैसेंजर उत्तर-दक्षिण लाइन से गुजर रही थीं इसी दौरान दोनों को क्रॉसिंग के पास सिग्नल मिलना था. बालामऊ पैसेंजर में सवार आलोक चौरसिया ने बताया कि अचानक ब्रेक लगने के बाद ट्रेन में मौजूद लोग घबरा गए थे. हादसे को बाद यातायात सामान्य होने में एक घंटा लग गया.