अमृतसर के नज़दीक निरंकारी समागम में हुए धमाके के पीछे कोई भी साजिश हो सकती है. हो सकता है ये साजिश चुनावी हो ताकि कहा जा सके कि देश पर विदेशी खतरा है. एच एस फुल्का ने ये बात कही है . फुल्का आम आदमी पार्टी के नेता हैं. उन्होंने कहा कि इस हमले के पीछे सेना और सेनाध्यक्ष का हाथ भी हो सकता है. पत्रकारों से बात करते हुए फुल्का ने कहा कि मामले की पूरी जांच की जानी चाहिए. जांच से पहले किसी पर दोष मढ़ना ठीक नहीं है. उनके इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया है.
उन्होंने मोर बम धमाके मामले का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले में पहले कहा गया है कि इसमें खालिस्तान का हाथ है. लेकिन बाद में सामने आया कि इस धमाके के पीछे राम रहीम डेरे का हाथ था. फुल्का ने आगे कहा कि देश में अभी चुनाव का समय है और चुनावों के समय ऐसी घटनाएं कराई जाती है. पहले भी सरकारें ऐसा करती रही हैं और अपनी एजेंसियों के जरिए काम करवाकर ऐसा कहा जाता था कि माहौल खराब है. जो लोग कह रहे हैं कि माहौल खराब है, माहौल खराब है उन लोगों की पहचान की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के प्रमुख बिपिन रावत ने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि पंजाब में माहौल खराब हो रहा है. हो सकता है कि सेनाध्यक्ष ने ही यह धमाका करवाया ताकि उनका बयान सही साबित हो जाए. सच्चाई सामने आने से पहले किसी की तरफ अंगुली उठाना ठीक नहीं है लेकिन सेनाध्यक्ष कुछ दिन पहले पंजाब गए थे और वहां उन्होंने कहा था कि आतंकवाद राज्य में फैल रहा है. इसलिए अपने दावे को सही साबित करने के लिए सेना भी यह काम(धमाका) कर सकती है.