पिछले दिनों जयपुर में एक मानसिक रूप सो विक्षिप्त हिंदू लड़के ने अपने घर पर पाकिस्तान का झंडा लगा दिया था. उसके खिलाफ पुलिस ने धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज किया था. लेकिन जो सचमुच समाज को बांटने और धार्मिक वैमनस्य पैदा करने का काम कर रहे हैं वो बेखौफ हैं. ये है सबूत…
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. #MuslimNetaSpeech हैशटैग से इस वीडियो के बाद जबरदस्त सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील बयान दिए गए. अब हम आपको बताते हैं कि ये वीडियो ही फर्जी था. सरकार का क्या फर्ज नहीं बनता कि फर्जी वीडियो बनाने वाले को जेल में डाले? क्या सरकार को ऐसे लोगों को जेल में डालकर संदेश नहीं देना चाहिए.
अब हम करते हैं फर्जी वीडियो का पोस्टमार्टम.
16 जून 2016 के दीपक जेना नामक व्यक्ति ने यूट्यूब पर ‘एक मुस्लिम नेता का भड़काऊ भाषण’ नाम से एक वीडियो अपलोड किया. इस वीडियो में एक मुस्लिम व्यक्ति भड़काऊ भाषण देता दिखता है. संयोग से हाल ही में हिंदुओं के कथित पलायन के लिए चर्चा में आए पश्चिमी यूपी के कैराना से लेकर गो-हत्या तक सबकुछ इस वीडियो में सुनाई देता है. इस वीडियो के वायरल होते ही कई लोग सोशल मीडिया पर #MuslimNetaSpeech हैशटैग के साथ इस वीडियो लिंक को शेयर करने लगे और कटुता भरी भाषा का प्रयोग करने लगे.
क्या है इस वायरल वीडियो का सच?
अब आप इस वीडियो की सच्चाई भी जान लीजिए. दरअसल ये वीडियो एक फिल्म का सीन है, न कि यूपी में दिए गए किसी मुस्लिम नेता का भड़काऊ भाषण. इस फिल्म का नाम है शोरगुल, जोकि 24 जून को रिलीज हो रही है. यह फिल्म एक लव स्टोरी है जिसके बैकड्रॉप में राजनीति हैं. पश्चिमी यूपी के बैकग्राउंड पर बनी यह फिल्म बढ़ती हुई असहिष्णुता पर बनी है. फिल्म में जिमी शेरगिल, आशुतोष राणा, संजय सूरी और नरेंद्र झा जैसे दिग्गज कलाकार हैं. फिल्म के डायरेक्टर हैं प्रणव कुमार सिंह और को-डायरेक्टर हैं जितेंद्र तिवारी.
यह सीन 24 जून को रिलीज हो रही फिल्म शोरगुल का है, जिसमें ऐक्टर जिमी शेरगिल भी हैं
वायरल हुए वीडियो में दिख रहे मुस्लिम नेता का रोल नरेंद्र झा ने निभाया है. नरेंद्र झा इससे पहले भी कई फिल्मों और टीवी सीरिल्स में नजर आ चुके हैं.
इससे पहले वह इसी साल जनवरी में आई सनी देओल की घायल रिटर्न्स में एक बिजनेस टाइकून के रोल में नजर आ चुके हैं. यानी सोशल मीडिया पर जिस वीडियो को एक मुस्लिम नेता के भड़काऊ भाषण के नाम पर दिखाया गया, वह महज एक फिल्म का सीन भर है.अब आप खुद ही सोचिए कि आखिर इस वीडियो को जानबूझकर एक भड़काऊ भाषण वाला वीडियो बताकर क्यों अपलोड किया गया? वह भी ऐसे समय में जबकि कैराना में हिंदुओं के कथित पलायन का मुद्दा चर्चा में है