दिल्ली हाई कोर्ट ने ऑनलाइन बिक रही दवाइयों की बिक्री पर रोक लगा दी है दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि दिल्ली सरकार बोर्ड द्वारा लगाए जा रहे बैन को सख्ती से लागू करें. डर्मेटोलॉजिस्ट जहीर अहमद की तरफ से लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता और इस पर तुरंत लगाम लगाने की जरूरत है.
दरअसल याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि हर रोज लाखों की तादाद में ऑनलाइन दवाइयों को बेचा जा रहा है और नियमों को ताक पर रखकर ऐसा किया जा रहा है. ऑनलाइन दवाइयों को बिना डॉक्टर की प्रिसक्रिप्शन के बेचा जा रहा है यहां तक की लोगों के ईमेल पर भी दवाइयों को घर पर भेजा जा रहा है.
दिल्ली सरकार द्वारा किया गया यह आदेश पूरे देश में ऑनलाइन बिक रही दवाइयों पर लागू किया जाएगा. याचिकाकर्ता की तरफ से ऐसी दर्जनभर बड़ी वेबसाइट की जानकारी कोर्ट को दी गई जिन पर नियमों का उल्लंघन करके ऑनलाइन दवाई बेचने का आरोप है.याचिकाकर्ता का कहना था कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 और फार्मेसी एक्ट 1948 के तहत भी दवाइयों की बिक्री ऑनलाइन नहीं की जा सकती. याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि कुछ वेबसाइट्स प्रतिबंधित दवाओं की भी सप्लाई लोगो तक भेजती हैं.
ऑनलाइन दवाइयों की
बिक्री को रोकने के लिए इससे पहले भी साउथ दिल्ली केमिस्ट एसोसिएशन हाई कोर्ट का
दरवाजा खटखटा चुका है. उस याचिका में भी ऑनलाइन बिक रही दवाइयों और बिना डॉक्टर की
सलाह के लोगों द्वारा खरीदी जा रही दवाइयों को तुरंत रोकने की कोर्ट से गुहार लगाई
गई थी.
मेट्रो शहरों में दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री का एक बहुत बड़ा कारोबार है. और यह
सच यह भी है कि ऑनलाइन बिक रही इन दवाइयों पर सरकार का अंकुश ना के बराबर है. यही
वजह है कि अक्सर ऑनलाइन बिक रही दवाइयों में नियमों को ताक पर रखना आम होता जा रहा
है. ऐसे में अब हाईकोर्ट ने ऑनलाइन दवाइयों की बिक्री पर रोक तो लगा दी है लेकिन इस पर पूरी तरह से रोक
तभी लग पाएगी जब दिल्ली सरकार इसको सख्ती से लागू कर पाए.