नई दिल्ली : अमेजॉन और फ्लिपकार्ट पर इस समय रिपब्लिक डे सेल चल रहा है. दोनों ही ई-कॉमर्स कंपनियां ग्राहकों को 80 फीसदी तक डिस्काउंट दे रही हैं. रिपब्लिक डे सेल्स में दिवाली की तुलना 3-5 फीसदी अधिक डिस्काउंट मिल रहा है.
आखिर ई-कॉमर्स कंपनियां ग्राहकों पर ज्यादा मेहरबान क्यों हैं? ध्यान देने योग्य है कि सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की नीति में बदलाव किया है और यह 1 फरवरी से लागू हो जाएगा. नए नियमों के तहत ई-कॉमर्स कंपनियां ब्रैंड्स के साथ एक्सक्लूसिव डील्स नहीं कर पाएंगी. इसका मतलब है कि रिपब्लिक डे सेल संभवत: इन ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म्स के लिए एक्सक्लूसिव ब्रैंड डील का आखिरी मौका है.
अपनी कंपनियों के सामान बेचने पर भी रोक
इसके अलावा, ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म्स को उन कंपनियों के प्रॉडक्ट बेचने से रोक दिया जाएगा जिनमें उनका निवेश है. इसका मतलब यह है कि यह सेल इन प्लैटफॉर्म्स के लिए स्टॉक क्लियर करने का मौका भी है. ET को एक स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक ब्रैंड के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ई-कॉमर्स कंपनियां इनवेंटरी को क्लियर करना चाहती हैं और इसलिए अधिक डिस्काउंट दिया जा रहा है.
BPL इंडिया के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर मनमोहन गणेश ने कहा, ‘रिपब्लिक डे सेल्स के दौरान डिस्काउंट इतना आकर्षक कभी नहीं रहा. संभावना है कि ऑफलाइन मौजूदगी नहीं रखने वाली कंपनियां इनवेंटरी खाली करना चाहती हैं.’
डेडलाइन नहीं बढ़ाएगी सरकार
अमेजॉन और फ्लिपकार्ट ने सरकार से 1 फरवरी की समयसीमा को आगे बढ़ाने की अपील की है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार डेडलाइन को आगे नहीं बढ़ाएगी.
ऑनलाइन कारोबार में आएगी कमी?
गौरतलब है कि अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के पास स्मार्टफोन ब्रैंड्स के साथ एक्सक्लूसिव ब्रैंड डील्स है, लेकिन यह 1 फरवरी के बाद खत्म हो जाएगा. ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म PwC के मुताबिक, ई-कॉमर्स सेक्टर पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रतिबंधों से ऑनलाइन सेल्स में 2022 तक 46 अरब डॉलर की कमी आ जाएगी.