शहीदों के शहादत से देश गुस्से में है और विचलित है लेकिन इस बीच नेताओं की राजनीतिक गतिविधियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. ताज़ा खबर बीजेपी और शिव सेना के तालमेल की है. पिछले साल भर से बीजेपी को आंख दिखा रही शिवसेना अब उसकी शरण में चली गई है. बीजेपी ने उसे लालच दिया जिसे सम्मान का नाम देकर शिवसेना हिंदुत्व के नाम पर राजी हो गई. पार्टी शिवसेना को एक सीट ज्यादा देगी. इतना ही नहीं बीजेपी शिवसेना को एक सीट ज्यादा देगी.
दोनों पार्टियों ने ने 18 फरवरी को सीट बंटवारे की घोषणा कर दी. यह समझौता महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव और 2019 लोकसभा चुनाव के लिए किया गया है.
लोकसभा चुनाव में भाजपा 25 और शिवसेना 23 सीटों पर लड़ेगी जबकि इसी साल होने वालो विधानसभा चुनाव में दोनों बराबर सीटों पर ताल ठोकेंगे. चुनाव से पहले गठबंधन को अंतिम रूप भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बीच मुंबई के ‘मातोश्री’ में हुई बैठक में दिया गया.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीट बंटवारे का ऐलान करते हुए तीनों ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले, साझा हिंदुत्व विचारधारा और ”राष्ट्रहित” को ध्यान में रखते हुए उन्होंने मतभेद किनारे कर दिए हैं. फडणवीस ने लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे का ऐलान किया. 2014 के मुकाबले शिवसेना को एक सीट ज्यादा दी गई है. विधानसभा की 288 सीटों में छोटे सहयोगियों की सीटें निकालने के बाद बची हुई सीटों को दोनों पार्टियां बराबर बांट लेंगी.
दोनों पार्टियों के बीच बिचौलिए का काम करने वालों ने कहा कि भाजपा ने ऐसा कोई वादा नहीं किया है कि शिवसेना मुख्यमंत्री का चुनाव करेगी. हालांकि यह जरूर कहा गया है कि शिवसेना को डिप्टी सीएम का पद मिलेगा. सभी बड़े मंत्रालय भाजपा और शिवसेना के बीच बराबर बांटे जाएंगे. शिवसेना इस बात पर भी बीजेपी को मनाने में सफल रही कि एशिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी को रत्नागिरि के नानर में लगाया जाए. इसके अलावा कर्ज माफी का दायरा बढ़ाने पर भी सहमति बनी.