नेशनल हैडबॉल खिलाड़ी ने इसलिए जान दे दी क्यों कि वो गरीब थी. उसके पिता सब्ज़ी बेचते थे और बीस साल की ये लड़की शहर में पढ़ाई के लिए हर महीने 3720 रुपये देने की हालत में नहीं थी.
बेहद प्रतिभाशाली उस लड़की को खालसा कॉलेज ने दया करके फ्री दाखिला भी दे दिया था लेकिन जब उसने फ्री हॉस्टल मांगा तो नहीं मिला, उसके पिता प्रभु सब्जी बेचते हैं और उन्होंने अपनी बेटी का सुसाइड नोट जब पुलिस को सौंपा तो उसे पढ़कर रोज़ लाशों के बीच रहने वाले पुलिस के अफसरों को भी आंसू आ गए . खून से लिखे इस सुसाइड नोट में सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए कई बातें थी . बल्कि पूरा सुसाइड नोट भई मोदी के लिए ही था .पत्र में पूजा ने अफसोस जताया कि वह गरीब है और छात्रावास के शुल्क का भुगतान नहीं कर सकती.पत्र में प्रधानमंत्री से अपील की गई कि वह उसके जैसी गरीब लड़कियों को पढ़ने की फ्री सुविधा दें. पूजा ने अपनी मौत के लिए अपने कॉलेज के एक प्रोफेसर को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि उसी ने उसे हॉस्टल का कमरा देने से इनकार किया और कहा कि वह हर दिन अपने घर से यहां आए जाए. हालांकि इससे उसे हर महीने 3,720 रुपये खर्च करने होंगे जो उसके पिता वहन नहीं कर सकते. पूजा के परिवार वालों ने पुलिस को इस घटना की सूचना दी.
2016-08-22