प्रधानमंत्री मोदी और महाशय धर्मपाल में कई समानताएं हैं. दोनों का जीवन एक जैसा है. दोनों का ही
मोदी ने बचपन से संघर्ष किया, चाय बेची युद्ध के लिए जा रहे सैनिकों को चाय पिलाई पिता चाय बेचते थे महाशय ने भी बचपन से संघर्ष किया. तांगा चलाते थे . पिता सियालकोट में गली गली जाकर मसाले बेचा करते थे
मोदी जी खुद से बहुत प्यार करते हैं. सरकार के विज्ञापन उनके बगैर पूरे नहीं होती. खुद को फिट रखते हैं.
महाशय भी खुद से बहुत प्यार करते थे यहां तक कि कंपनी के विज्ञापनों में भी खुद ही दिखते हैं. खुद को फिट रखते हैं
भारतीय जनता पार्टी के सफलता के नये शीर्श तक पहुंचाया. आज बीजेपी के दुनिया में सबसे ज्यादा सदस्य हैं.
बाबा चुन्नीलाल ने भी अपने करियर में बेहद सफल देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी प्रोडक्ट के कंपनी बनाई. छोटी सी कंपनी को ऊपर तक ले गए
मोदी के कपड़े पहनने के शौक से सभी परिचित हैं महाशय चुन्नीलाल को शानदार कपड़े पहनने का शौक है. हीरे जवाहरात भी पहनते हैं
मोदी जी आरएसएस से जुडे रहे और हमेशा जिम्मेदारियां संभालते रहे महाशय धर्मपाल ने आर्य समाज में काफी काम किया उन्होंने विश्व आर्य सम्मेलन भी करवाए.
मोदी जी लोगों से मिले गिफ्ट और अपनी बचत के पैसे भी दान करते रहते हैं महाशय ने पिछले साठ साल में कई स्कूल और कुछ अस्पताल खोले हैं.
मोदी जी ने मैनेजमेंट और पब्लिक रिलेशंस का तीन महीने का कोर्स किया है महाशय चुन्नी लाल अपना ऐड़ कैंपेन का काम खुद देखते थे और कंपनी के सीईओ थे
पीएम मोदी को बचपन से ही एक्टिंग का शौक है. वो थियेटर में हिस्सा लेते रहे हैं और एनसीसी में भी सक्रिय थे महाशय धर्मपाल को भी अभिनय का शौक है जिसे उन्होंने विज्ञापनों में एक्टिंग करके जमकर पूरा किया.
पीएम मोदी वेतन लेते हैं या नहीं ये पता नहीं लेकिन प्रधानमंत्री का वेतन भत्ते और सुविधाएं मिलाकर दो करोड़ से कहीं ज्यादा होती हैं. महाशय धर्मपाल गुलाटी दो करोड़ रुपये महीने यानी साल के 24 करोड़ रुपये वेतन में लेते हैं
प्रधानमंत्री मोदी के पास पचास लाख रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट और करीब 1 करोड़ रुपये का गांधी नगर में एक फ्लैट है महाशय धर्मपाल गुलाटी के पास 1500 करोड़ की संपत्ति है जिसमें कई जगह फैक्ट्रियां हैं. व कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग भी करवाते है कई दूसरे देशों में भी खेती होती है.
मोदी जी पत्नी के साथ नहीं रहते इसलिए .उनके परिवार होते हुए भी कोई संतान नहीं है. महाशय धर्मपाल के एक बेटा और छह बेटियां हैं. इनमें बेटा कारोबार देखता है और बेटियां एक एक जोन संभालती हैं. मोदी जी बचपन से ही साधु बनना चाहते थे और घर से भाग गए महाशय धर्मपाल का रुझान व्यापार की तरफ था. वो अपने कारोबार और परिवार में व्यस्त रहे.