कुछ देशों में इंटरनेट पर ऐसे विज्ञापन देखे जा सकते हैं जिनमें छोटी बच्चियों को सैक्स के लिए बेचे जाने की बात होती है तस्वीर और ब्योरे के साथ लड़की का दाम भी डाला गया है. ये पोस्ट इस्लामिक स्टेट डाल रहा है. इसके लिए फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. बीते दो साल में आईएस ने हजारों यजीदी, कुर्द और शिया महिलाओं को अगवा किया. अब उनमें से कइयों को बेचा जा रहा है.
स्वघोषित खिलाफत के तहत आतंकवादी सेक्स बंधकों की खरीद और बिक्री कर सकते हैं. कर्ज चुकाने के लिए भी महिलाओं को एक दूसरे के हवाले किया जा रहा है. सेक्स बंधकों को बेचने पर टैक्स भी देना पड़ता है ताकि इस्लामिक स्टेट को पैसे की कमी न आए.
सेक्स बंधकों के सौदे के नियम भी बनाए गये हैं. सिर्फ कुंवारी लड़कियों को बेचा जाएगा. फेसबुक पर ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब खुलेआम किसी लड़की की नीलामी की गई. शुरुआती दाम 4,000 से 9000 डॉलर के बीच लगाया गया. इस साल मार्च में लेबनान में सीरिया की 75 महिलाओं को रिहा कराया गया. इन्हें भी इस्लामिक स्टेट ने लेबनान तक पहुंचाया था.
2014 में अमेरिकी सेना और कुर्द लड़ाकों ने बड़ी संख्या में यजीदी समुदाय के लोगों को इराक की सिनजार पहाड़ियों से सुरक्षित बाहर निकाला. लेकिन पड़ोस में ही रहने वाले सैकड़ों यजीदी परिवार इतने भाग्यशाली नहीं थे. उन्हें हजारों की तादाद में इस्लामिक स्टेट ने अगवा कर लिया. धर्म परिवर्तन से इनकार करने वाले दर्जनों पुरुषों को मार दिया गया. महिलाओं को सेक्स गुलाम बना लिया गया. और अब बच्चियों का सौदा किया जा रहा है.
इराक और तुर्की की सीमा से सटे कुर्द इलाकों व सीरिया के शिया बहुल इलाकों में भी सैकड़ों महिलाओं को बच्चों समेत अगवा किया गया. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि इस वक्त इस्लामिक स्टेट के कब्जे में 3,500 महिलाएं और बच्चे हैं.