राम जन्मभूमि के लिए चंदा किसको दें
कौन कौन चंदा ले रहा है
कौन पकड़ा गया.
कब से चल रहा है ये काम
मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास ने 23 फरवरी 2020 को बयान जारी किया.
चंदा लेने वालों के मकसद क्या
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनने के बाद रामालय ट्रस्ट ने स्वर्ण-संग्रह-सपर्या अभियान चलाया है, जिसमें देश के सात हजार गांवों से एक हजार किलो सोना संग्रह करने का लक्ष्य रखा गया है। डीएम अनुज कुमार झा ने इस अभियान की शासन को रिपोर्ट भेजी थी। इस पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक में अध्यक्ष बने महंत नृत्यगोपाल दास व महासचिव चंपत राय ने खुद अन्य ट्रस्टों की ओर से चंदा-दान वसूली पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाया है।
राममंदिर निर्माण के लिए चंदा लेने पर गृह मंत्रालय ने रोक लगा दी है। गृह मंत्रालय ने यह एडवाइजरी सभी प्रदेशों को जारी करते हुए कहाकि रामलला के नाम पर मंदिर निर्माण से लेकर किसी भी गतिविधि के लिए अब अधिकृत ट्रस्ट के अलावा कोई अन्य ट्रस्ट, संस्था या व्यक्ति चंदा, दान-अनुदान नहीं ले सकेगा।
कोई ट्रस्ट हमें दान लेने से नहीं रोक सकता :- इस मुद्दे पर रामालय ट्रस्ट के सचिव स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहाकि कि सात हजार गांवों से एक हजार किलोग्राम सोना दान लेने का लक्ष्य है। यह अभियान वाराणसी से शुरू किया गया है। हम सोना जुटाकर अधिकृत ट्रस्ट हो ही देंगे, दानी एफिडेविट के जरिए सोना दे रहे हैं कि हम रामालय के माध्यम से ही दान करना चाहते हैं। ऐसे में सरकार या कोई ट्रस्ट हमें दान लेने से नहीं रोक सकता। हमारे ट्रस्ट में सनातन धर्म के सभी प्रमुख संत-धर्माचार्य व अखाड़े हैं। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहाकि स्वामी स्वरूपानंदजी महाराज से नाराजगी के चलते सरकार ने ट्रस्ट में इन संतों को सम्मान नहीं दिया है। हम इसकी लड़ाई पूरे देश में लड़ेंगे। विहिप-संघ व भाजपा की मनमानी से समाज में संकीर्णता आ रही है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अध्यक्ष प्रबंध महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा, ”राम मंदिर निर्माण के लिए न तो चंदा लिया जाएगा और न ही सरकार से धन मांगेंगे। जो भी भगवान के भक्त सहयोग करेंगे, उसी से मंदिर का निर्माण होगा।” समझे
कभी भी एक रुपए का दंड नहीं :- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संस्था विश्व हिंदू परिषद से जुड़ी राम जन्मभूमि न्यास का जन्म वर्ष 1985 में हुआ। न्यास के चंदे से एकत्र पैसों के बारे में फरवरी को दिए एक बयान में वीएचपी नेता चंपतराय ने कहाकि “साल 1985 में न्यास बना, धन संग्रह हुआ साल 1989 से, तब से 30 साल हो चुके हैं। इन 30 वर्षों में हम तीस ऑडिट रिपोर्ट सरकार को भेज चुके हैं। सरकारें जिसकी भी रही हों, कभी भी एक रुपए का दंड भी हमें नहीं लगा। न ही हमने अपनी आयकर रिटर्न भरने में कभी विलंब किया। अगर हम ग़लत होते तो हमारे ख़िलाफ़ जांच हुई होती।” वीएचपी नेता चंपतराय को इस वक्त श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव की जिम्मेदारी मिली है।
इसके बावजूद चंदा अभियान चल रहा है.
मुरादाबाद में चार लोगपकड़े गए हैं
मेरठ में एनजीओ संचालक पकड़ा गया है
25 दिसंबर को भी आया था एक और मामला
इससे पूर्व 25 दिसंबर को मझोला थाने में बीजेपी के जिलाध्यक्ष राजपाल चौहान ने एक व्यक्ति के खिलाफ रसीद पर उनका और कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी का फोटो छपवाकर राम मंदिर के नाम पर चंदा लेने का केस दर्ज कराया था।
कूपन बनाए गए हैं. लेकिन इन पर कोई होलोग्राम या कोई सिक्योरिटी कवर नहीं है ऐसे कूपनों का दुरुपयोग भी हो सकता है. दिग्विजय सिंह का बयान