WHO statement on AstraZeneca COVID-19 vaccine safety signals विश्व बैंक ने आज मान लिया कि कुछ लोचा है अपने बयान में कहा कि plausible यानी इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता हालांकि अभी ये कनफर्म नहीं है. अब जांच होगी लेकिन ये पहली स्वीकारोक्ती नहीं है इससे पहले यूरोपियन यूनियन ने टीके पर सवाल उठाए दिमाग और दिल की धमनियों में ब्लॉकेज की शिकायत को माना. हालांकि ये कहा कि ऐसा बहुत कम मामलों में ही रिपोर्ट हुआ है. इससे पहले ब्रिटेन के दवा नियंत्रक ने सात मौतों की बात की थी और कहा था कि क्लॉटिंग हो रही है. ब्रिटेन और इटली ने उम्र की सीमा लगा दी कि साठ से ऊपर वालों को ही दो. तीस ने सीचे वालो को तो बिलकुल भी मत दो. इटली ने कहा है कि एस्टरा जैनिका और ब्लड क्लॉटिंग का सीधा रिश्ता है. WHO ने माना covishield vaccine से मौत की बातों में दम,
KnockingNews की बात पर मुहर लगी बेल्जियम में 55 से ऊपर वालों को ही वैक्सीन लगाने को कहा है. बिना किसी और बीमारी से सिर्फ 6 फीसदी लोग मर रहे हैं. ये चारअप्रेल का डेटा है. और अमेरिका के सीडीसी यानी सेन्टर फॉर डिसीज कंट्रोल एन्ड प्रिवेंशन का डेटा है. नीचे लिंक भी है. अब आते है डब्लू एचओ के तर्क पर प्लॉसिबल बताया है. कहा है कि रेयर मामलो मे होता है सबसे बड़ी बात कहा गया कि जो लोग मारे जा रहे हैं वो दूसरी बीमारियों से भी ग्रसित है. इस बीच में भारत की तरफ से जवाब आता है कि चूंकि वैक्सीन भारत में बन रही है इसलिए साजिश हो रही है लेकिन ये तो ब्रिटेन की ही वैक्सीन है. ऑक्सफोर्ड की ईजाद है. और अगर ये तर्क सही है तो कोरिया ने क्यों अपने देश में इसका इस्तेमाल बंद करि दिया https://www.cdc.gov/nchs/covid19/mort… यानी 94 फीसदी लोगों की मौत का कारण कोरोना नहीं है. साथ में कुछ और भी था. plausible यानी इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता हालांकि अभी ये कनफर्म नहीं है. https://www.who.int/news/item/07-04-2… 20 करोड़ लोगों को टीका लग चुका है लेकिन काफी कम मामलो में रिपोर्टिंग हो रही है दफ्तरों में टीका लगाने को इजाजत https://pib.gov.in/PressReleseDetail…. बहरहाल टीका लगाएं या न लगाएँ ये बड़ा फैसला हो गया है. क्योकि कोई भी तर्क ऐसा नहीं दिखता जो