दिल्ली में चायनीज़ मांछे के मामले में लापरवाही बरतने वाले अफसर को मोहल्ला क्लीनिक का इंचार्ज बना दिया गया है. ऐसा हाल मंगलवार को आए तबादलों के आदेश के बाद किया गया है. इन तबादलों मेंस्वास्थ्य सचिव तरुण सीम और PWD सचिव सर्वज्ञ श्रीवास्तव भी शामिल हैं, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इन दोनों अधिकारियों को न हटाने के लिए उप राज्यपाल से से मिलकर रिक्वेस्ट कर चुके थे.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों अफसरों के बाद ट्वीट किया कि मनीष LG के पैरों में पड़े कि मोहल्ला क्लीनिक और स्कूल बनाने वाले सेक्रेटरीज को 31 मार्च तक ना हटाए. पर वो नहीं माने. केजरीवाल ने पहले भी कहा था कि दोनों अफसरों को न हटाया जाए क्योंकि सीम मोहल्ला क्लीनिक और श्रीवास्तव फ्लाईओवरों के प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे थे.
राजभवन के सूत्रों के मुताबिक दोनों अधिकारियों को हटाने की असली वजह इन अफसरों का IAS न होना है. स्वास्थ्य सचिव हेल्थ एक्सपर्ट थे, जबकि पीडब्लूडी सचिव इंजीनियर.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दोनों अफसरों के हटाने को लेकर उप राज्यपाल पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि उप राज्यपाल सरकार के हर काम को रोक रहे हैं. जैन ने कहा, ’10 दिन पहले मनीष सिसोदिया एलजी के पास गए थे. उनके हाथ जोड़े और पैर पकडे थे. हेल्थ और पीडब्लूडी में अच्छे काम का हवाला दिया था और 31 मार्च तक न हटाने की तारीख मांगी थी कि ये अच्छी टीम है रहने दीजिए.’
नए स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ पहले ही शिकायत कर चुके हैं सिसोदिया
केजरीवाल सरकार ये सवाल उठा सकती है कि जिस अधिकारी को उपराज्यपाल ने स्वास्थ्य सचिव बनाने का ऑर्डर दिया है, उसकी शिकायत पर्यावरण सचिव के तौर पर मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल से की थी। सिसोदिया ने 16 अगस्त LG को चिट्ठी लिखकर चाइनीज मांझे वाले मामले में चंद्राकर भारती के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी। सरकार सवाल उठा सकती है कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारी को आखिर क्यों स्वास्थ्य सचिव की जिम्मेदारी दी गई?