‘द टाइम्स आॅफ इंडिया’ में छपी इस तस्वीर को देखने के बाद आप भावुक हुए बगैर नहीं रहेंगे. अखबार ने लिखा है कि कर्नाटक के कोप्पल जिले में स्थित मुनीराबाद रेलवे स्टेशन पर एक तीन वर्षीय बच्चा अपने माता, पिता की लाश के पास यह सोचकर मज़े से खेलता रहा कि वो सो रहे हैं. उसे इस बात का एहसास भी नहीं था कि उसके पेरेन्ट्स अब इस नींद से कभी नहीं उठेंगे.
जब रेलवे स्टेशन पर बैठे अन्य यात्रियों को शक हुआ तो उन्होंने बच्चे से पूछताछ की. पूछताछ में बच्चे ने यात्रियों से कहा कि उसके मां, बाप अभी सो रहे हैं और उठने के बाद हुलीगेम्मा मंदिर में दर्शन के लिए जाएंगे. यात्रियों ने जब मां, बाप को उठाने की कोशिश की तो उन्होंने दोनों को मृत पाया. इस मामले की जानकारी पुलिस को दी गई.
बच्चे ने पुलिस को अपना नाम देवराज बताया और यह भी बताया कि वह आपने मां, बाप के साथ गदग से ट्रेन में बैठकर मुनीराबाद आया था. बच्चा बार, बार यही कहता रहा कि उसके माता, पिता सो रहे हैं और जब उठेंगे तो उसे मंदिर लेकर जाएंगे. उसकी इस मासूमियत को देखकर वहां उपस्थित यात्रियों और पुलिस की आंखों से भी आंसू छलक गए. पुलिसवालों को यह समझ में नहीं आ रहा था कि वे कैसे बच्चे को यह समझाएं कि उसके माता, पिता अब कभी नहीं उठ पाएंगे क्योंकि वो मर चुके हैं.
पुलिस ने इराना तलवार (50) और मंजूला (40) के रूप में दोनों शवों की पहचान कर ली है. दोनों अन्नीगेरी के रहने वाले थे और गादग में शिफ्ट हो गए थे . गादग रेलवे पुलिस के आॅफिसर आरएस कोटागी ने बताया, ‘दंपति के मोबाइल फोन से मिले कांटेक्ट नंबर के माध्यम से हमने उनके रिश्तेदारों से संपर्क किया. छानबीन में हमें पता चला कि इरन्ना और मंजुला अपने बेटे देवराज के साथ गादग से कोप्पल जाने के लिए ट्रेन में बैठे थे. रविवार रात को जब वे मुनीराबाद रेलवे स्टेशन पहुंचे तो प्लेटफॉर्म पर ही सो गए. सोमवार सुबह दोनों संदिग्ध परिस्थियों में मृत पाये गए.’
कोटागी ने आगे बताया, ‘प्रथमदृष्टया यह खुदकुशी का मामला प्रतीत होता है लेकिन, हम इस बात के प्रति आश्वस्त नहीं हैं. हमें दोनों की मौत के वास्तविक कारण के बारे में अभी कुछ पता नहीं है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इस बात की पुष्टि हो पाएगी. हमने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है और रिश्तेदारों को बच्चे को ले जाने के लिए कह दिया है. यदि बच्चे को ले जाने के लिए कोई नहीं आता है तो हम उसे चाइल्ड प्रोटेक्शन कमिटी को सौंप देंगे.’