जब भारत का प्रधानमंत्री किसी प्रायवेट कंपनी के विज्ञापन में नज़र आए और एक दूसरा प्रधानमंत्री तमाम अपत्तियों के बावजूद इस कंपनी को उसी प्रोडक्ट का लायसेंस देता हो तो इसमें अचरज नहीं होना चाहिए. भारत देश अमीरों की जेब में है और हम नहीं ये दक्षिण अफ्रीका से आई एक रिपोर्ट कहती है
भारत रूस के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा असमानता वाला देश है. यहां के आधे से ज्यादा संसाधन और समृद्धि करोड़ पतियों के पास है. इंडियन एक्सप्रेस अखबार के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका की एक रिसर्च फर्म न्यू वर्ल्ड की रिपोर्ट में ये बाद कही गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 54 फीसदी संसाधन करोड़पतियों ने हथिया रखे हैं. भारत दुनिया के 10 सबसे धनी देशों में से है लेकिन यहां की ज्यादातर आबादी गरीब है, रिपोर्ट कहती है कि अगर किसी देश में 50 फीसदी संसाधन करोड़पतियों के पास हैं तो वहां मध्यमवर्ग के लिए ज्यादा गुजाइश नही बचती और उसकी भूमिका बेमानी हो जाती है. दुनिया भर में रूस ही है जहां भारत से भी ज्यादा असमानता है.
रिपोर्ट में जापान को सबसे ज्यादा समानता वाला देश बताया गया है. वहां करोड़पतियों के पास 22 फीसदी ही संपदा है .
रिपोर्ट कहती है कि पूंजीवाद का गढ़ होने के बावजूद अमेरिका में काफी समानता है वहां सिर्फ 32 फीसदी दौलत ही अमीरों के पास है. ब्रिटेन भी अमिरिका के आसपास ही है उसकी 35 फीसदी दौलत अमीरों के पास है.
जापान में अमीरों में भी समानता दिखती है. वहां की 22 फीसदी दौलत अमीरों के पास ज़रूर है लेकिन उनमें सिर्फ 3 फीसदी ही अरबपति हैं.