राजनीतिक फायदे के लिए धर्म का खेल खेलने वालों लागों का हाजमा ये खबर देखकर खराब हो सकता है. गगंगा जमुनी इतिहास के शहर आगरा की दो बहनों ने वो कर दिखाया है जो इस देश के राजनेता आजतक नहीं कर पाए. इन लड़कों ने प्यार और भाईचारे की सबसे बड़ी मिसाल पेश की है.. आगरा के संजय नगर का हनुमान मंदिर वैसे तो एक आम हनुमान मंदिर है लेकिन यहां इन दो लड़कियों का पुण्य इसे सबसे अहम मंदिर बना देता है. यहां बजरंग बली की छत्रछाया में खुले आसमां के नीचे हर शाम एक क्लास लगती है. इस क्लास में पूजा नाम की हिंदू लड़की रह रोज़करीब 35 बच्चों को कुरान की तालीम देती है.
पूजा ने 12th तक की पढ़ाई की है फिर भी अरबी भाषा के कठिन शब्दों को सही लहजे में बखूबी पढ़ लेती है पूजा के पास तालीम लेने आने वाले ज्यादातर बच्चे गरीब परिवार से हैं. पूजा ने बताया कि उसे बच्चों को पढ़ाने की प्रेरणा संगीता बेगम नाम की महिला से मिली थी. कुछ निजी दिक्कतों की वजह से संगीता बेगम को बच्चों की क्लास लेना छोड़ना पड़ा. गंगा जमुनी तहजीब में विश्वास रखने वाली संगीता बेगम ने पूजा से आग्रह किया तो पूजा झट से तैयार हो गई.
पूजा के मुताबिक संगीता बेगम ने उसे इसलाम का अहम सिद्धांत समझाया. इसके मुताबिक शिक्षा हासिल करने की कोई अहमियत नहीं अगर आप इसे दूसरों को बांटते नहीं हैं, वो भी बदले में बिना कुछ प्राप्त किए. पहले पूजा अपने घर में ही उन्हें पढ़ाती थी लेकिन बच्चों की संख्या बढ़ने की वजह से पूजा ने मंदिर परिसर को स्कूल बना दिया.
पूजा की बहन नंदिनी हिंदी में पोस्ट ग्रेजुएट है और वो बच्चों को हिंदी पढ़ाने के साथ गीता का ज्ञान भी देती है. संजय नगर की जिस कृपाल कॉलोनी की मलीन बस्ती में पूजा और नंदिनी पढ़ाती हैं, वहां हिंदू और मुसलमानों की मिलीजुली आबादी है. पूजा और नंदिनी, दोनों का बच्चों को पढ़ाने का ये उत्साह देखकर उनकी मां रानी भी बहुत खुश हैं. रानी का कहना है, ‘शिक्षा बांटने से पवित्र काम कोई और नहीं हो सकता, इसलिए दोनों बेटियों पर मुझे गर्व है.’