दिल्ली के कालकाजी के एक सरकारी स्कूल में 10वीं में पढ़ने वाली राधा (नाम बदला) बुधवार को बड़ी अनिच्छा से स्कूल जा रही थी, पिछले कई दिनों से कुछ मनचले उसे परेशान करते थे. राधा इससे परेशान थी. उसके पेरेन्ट्स ने स्कूल में शिकायत भी की थी. लेकिन बेटी बढ़ाओ बेटी बचाओ के देश में उसके परिवार के लोग नहीं चाहते थे कि वो छुट्टी करे लेकिन राधा डरती थी लेकिन घरवाले समझा बुझाकर स्कूल भेज देते थे. बुधवार को राधा फिर घर के लिए निकली थी. उसे पता था कि मनचले फिर आएंगे , फिर फिकरे कसेंगे लेकिन बच्ची के पास कोई विकल्प नहीं था. पुलिस ने कुछ किया नहीं था. स्कूल शिकायत दबाकर बैठ गया था. माता पिता के सपने टूटने का खतरा था. सोचा किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता तो क्यों न हिम्मत से काम लिया जाए. इसी हिम्मत के भरोसे राधा स्कूल जा रही थी. पीठ पर बस्ता था और आंखें उदासी से सड़क पर लगी थीं अचानक पीछे से किसी लड़के ने राधा के पकड़ लिया. राधा उसकी गिरफ्तर से छूटने के लिए छटपटा रही थी. कि अचानक उसने दूसरे लड़के के हाथ में एक बोतल देखी. उसने लड़की के मुंह में बोतल में भरा तरल उंडेल दिया. लड़की दर्द से तड़प उठी. अचानक लड़की को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया. उसी सफदरजंग अस्पताल जहां निर्भया लगातार जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करती रही. वहीं कालका जी थाने की पुलिस ने परिजनों और लड़की आपबीती सुनकर मामला दर्ज कर लिया है और मनचलों की तलाशी भी शुरु कर दी है लेकिन स्कूल प्रशासन इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है जबकि परिजनों के मुताबिक छात्रा ने स्कूल की टीचर को सारी आपबीती बताई थी .
2016-09-08