गैंगस्टर छोटा राजन क्या भारतीय एजेंसियों के लिए काम करता था? क्या उसने दाऊद को ठिकाने लगाने में भारत सरकार का साथ दिया था. राजन ने दिल्ली की एक अदालत को बताया है कि उन्हें ‘जाली पासपोर्ट भारतीय एजेंसियों ने दिया था’. समाचार एजेंसी के हवाले से बीबीसी ने खबर दी है कि मुताबिक़ राजन ने ये बात बुधवार को कोर्ट में एक पेशी के दौरान कही.
उन्होंने अदालत को बताया, “मैं चरमपंथियों और भारत-विरोधी उन ताक़तों से लड़ता रहा हूँ जो देश को नुक़सान पहुंचाने और मासूमों की जान लेने पर आमादा हैं.
“मैं उन लोगों का नाम नहीं बता सकता जिन्होंने राष्ट्रहित में मेरी मदद की है. जब दाऊद इब्राहीम को पता चला कि में भारतीय एजेंसियों की मदद कर रहा हूँ तो उन लोगों ने दुबई में मेरा असली पासपोर्ट छीन लिया”.
दिल्ली की इस विशेष अदालत में छोटा राजन ने कहा कि, “किसी तरह जान बचा कर मैं दुबई से मलेशिया गया और फिर बैंकॉक में मुझ पर जानलेवा हमला हुआ. इसलिए मुझे मोहन कुमार नाम का पासपोर्ट मुहैया कराया गया.”
छोटा राजन पर भारत के अंडरवर्ल्ड से जुड़े होने के आरोप हैं और उनके ख़िलाफ़ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
दिल्ली की एक अदलात में उन पर धोखाधड़ी और आपराधिक साज़िश रचने के मामले की सुनवाई चल रही है.
सीबीआई ने राजन पर मकोका के तहत कई मामले दर्ज किए हैं जो कथित तौर पर जबरन वसूली और हत्या की कोशिश को लेकर हैं.
इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के बाद अक्तूबर, 2015 में इंडोनेशिया पुलिस ने राजन को ऑस्ट्रेलिया से आने के तुरंत बाद गिरफ़्तार किया था.
6 नवंबर, 2015 को राजन को भारत निर्वासित किया गया था और तब से वे हिरासत में हैं.