न्योताईमोरी का मतलब है नारी शरीर पर परोसा गया खाना. इसे बॉडी सुशी भी कहते हैं.
न्योताईमोरी का मर्दाना रूप नानताईमोरी भी है जिसमें सुशी परोसने के लिए किसी मर्द का शरीर इस्तेमाल किया जाता है.
यह परंपरा नई नहीं है. बताते हैं कि समुराई युग में ही इसकी शुरुआत हो चुकी थी. किसी जंग की जीत के जश्न में न्योताईमोरी होता था.
जापान के इशिवाका इलाके से न्योताईमोरी की शुरुआत हुई थी. आज भी यहां यह दस्तूर जारी है.
न्योताईमोरी के लिए जिन मॉडल्स का इस्तेमाल होता है, उन्हें बाकायदा ट्रेनिंग दी जाती है.
काम आसान नहीं होता. मॉडल्स को लगातार लेटे रहना होता है और वे मेहमानों से बात भी नहीं कर सकते.
खाने को पत्तों पर परोसा जाता है ताकि शरीर से खाने का संपर्क ना हो.
खाना समतल हिस्से पर ही रखा जाता है ताकि वह बिखरे ना और गिर ना जाए.
न्योताईमोरी को कला का ही एक रूप माना जाता है. इसमें अभ्यास की जरूरत होती है.
आमतौर पर सुशी के साथ शैंपेन परोसी जाती है.
न्योताईमोरी का आनंद लेने के लिए मेहमानों के भी कायदे होते हैं. उन्हें सख्त अनुशासन का पालन करना होता है.
मेहमान अश्लील इशारे नहीं कर सकते. वे मॉडल्स से बात नहीं कर सकते. खाना चॉपस्टिक्स से ही खाना होता है.
कुछ रेस्तरां नियमों में ढील भी देते हैं. वहां आप सीधे मुंह से भी सुशी उठा सकते हैं.
न्योताईमोरी को सभी जगह सम्मान की निगाह से नहीं देखा गया. कई विशेषज्ञों ने इसे नारी शरीर के गलत इस्तेमाल के तौर पर देखा.
न्योताईमोरी कई देशों में प्रतिबंधित है. चीन ने 2005 में इस पर बैन लगा दिया था.
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