मध्य प्रदेश के नीमच से इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. नीमच में एक शख्स ने पैसा नहीं होने पर अपनी पत्नी का दाह संस्कार कूड़े से किया.
यह कहानी है एक आदिवासी शख्स जगदीश की, जिसकी पत्नी की मौत बीमारी के कारण हो गई थी. आर्थिक तंगी के कारण जगदीश के पास अपनी पत्नी के दाह संस्कार के लिए लकड़ी खरीदने के पैसे भी नहीं थे. जगदीश ने मदद के लिए नगर निगम से भी गुहार लगाई लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की. जगदीश ने बताया कि मुझे कई लोगों ने कहा कि पत्नी के शव को नदी में फेंक दें, लेकिन मैंने कूड़े, पॉलिथीन और रबर से अपनी पत्नी के शव को जलाने का फैसला किया.
प्रशासन के असंवेदनशील होने का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी ओडिशा के कालाहांडी के दाना मांझी की कहानी आपको याद होगी जिसने 12 किमी तक अपने पत्नी के शव को उठाया था क्योंकि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें एंबुलेंस देने से इंकार कर दिया था. इसके अलावा एक और केस में एक पिता को बेटी का शव कंधे पर लेकर जाना पड़ा था.