परमाणु परीक्षण करके भूकंप ला देने वाले किम जोंग ने अब सीधे अमेरिका को चुनौती दी है . रविवार को किम जोंग की सरकार ने मांग की कि अमेरिका उसे ‘वैध परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र’ के तौर पर मान्यता दे. अपने पांचवें और सबसे बड़े परमाणु परीक्षण के बाद उत्तर कोरिया ने यह मांग रखी है. आधिकारिक KNCA न्यूज एजेंसी ने विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता के हवाले से लिखा, ”राष्ट्रपति बराक ओबामा DPRK (उत्तर कोरिया) की एक वैध परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र के तौर पर रणनीतिक स्थिति को मानने से इनकार करने की कड़ी कोशिश कर रहे हैं, मगर यह मूर्खतापूर्ण है कि आप सूरज को अपनी हथेली से छिपाने की कोशिश करें.” प्रवक्ता ने एक बयान में परमाणु परीक्षण का बचाव किया, हालांकि पूरे विश्व में इस परीक्षण की निंदा हो रही है. प्रवक्ता के अनुसार यह अमेरिकी परमाणु खतरे के लिए बेहद जरूरी प्रतिक्रिया थी. बयान में कहा गया कि उत्तर कोरिश अपनी परमाणु शक्ति को ‘गुणवत्ता और मात्रा में बढ़ाने’ के लिए काम करेगा.
इससे पहले, रविवार को ही उत्तर कोरिश ने कहा था कि ”ओबामा समूह अाज तक निरर्थक प्रतिबंधों की बात कर रहा है, इस पर हंसी आती है.” रविवार को ही एक विशेष अमेरिकी दूत ने कहा था कि अमेरिका उत्तर कोरिया के खिलाफ एकपक्षीय प्रतिबंध लगा सकता है. सुंग किम नाम के दूत ने कहा, ”सुरक्षा परिषद की कार्रवाई से इतर, अमेरिका और जापान दोनों, रिपब्लिक ऑफ कोरिया (दक्षिण कोरिया) के साथ मिलकर, एकपक्षीय कदम उठाने की सोच रहे हैं, इसके अलावा द्विपक्षीय तथा त्रिपक्षीय सहयोग पर भी सहमति बन सकती है.” उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और जापान दोनों, ”अतिरिक्त एकपक्षीय प्रतिबंधों के संबंध में संभावनाएं तलाश रहे हैं.”
शुक्रवार को उत्तर कोरिया ने अब तक का सबसे ताकतवर परमाणु विस्फोट अंजाम दिया. उसके बाद घोषणा की गई कि उसने एक बैलिस्टिक मिसाइल पर एक परमाणु बम को ले जाने की दक्षता हासिल कर ली है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने परमाणु परीक्षण करने के उत्तर कोरिया के फैसले की निंदा की और कहा कि वह जल्द ही इसके समाधान पर काम करना शुरू कर देगी. Courtsy- BBC