नई दिल्ली: हरियाणा के मेवात में 24 और 25 अगस्त की रात को हुए हत्या और बलात्कार कांड में सीबीआई जांच का फैसला ले लिया गया है. चंडीगढ़ में उच्चस्तरीय बैठक में ये फैसला किया गया. इससे पहले मेवात के पीड़ितों ने दिल्ली पहुंच कर आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले की लीपापोती कर रही है.
जेडीयू सांसद अली अनवर के घर पर पहुंचे 67 साल के कमलुद्दीन (पहचान छुपाने के लिये नाम बदला गया है) ने दिल्ली पहुंचकर पत्रकारों को आपबीती सुनाई. कमलुद्दीन ने कहा, “हमें इंसाफ चाहिये. मेरे बेटे और बहू को मार दिया. बेटी दामाद के साथ दो नवासों को बुरी तरह जख्मी किया है और मेरी दो नातिनों के साथ बलात्कार हुआ है. पुलिस हमें मदद नहीं कर रही है. हमें इंसाफ चाहिये.”
मेवात के इस परिवार के घर 24 अगस्त को रात 12 बजे किये गये हमले में दो लोगों की हत्या कर दी गई और दो बच्चों समेत 4 लोग जख्मी भी हुए हैं. दो लड़कियों के साथ बलात्कार हुआ जिनमें से एक ने एनडीटीवी इंडिया से कहा, ‘उन्होंने ये कहा कि तुम लोग गाय खाते हो. हमने कहा कि नहीं हम गाय नहीं खाते. लेकिन वो बोले कि तुम गाय खाते हो इसलिये हम ये कर रहे हैं.’
पीड़ित का ये बयान अहम है क्योंकि मेवात में बीफ को लेकर पहले से ही डर का माहौल है. पिछले दिनों मेवात में जगह जगह बिकने वाली बिरयानी के सैंपल इकट्ठा किए जाने की खबरें आईं. हरियाणा गौसेवा आयोग के प्रमुख भानीराम मंगला का कहना है, “मेवात में बिकने वाली बिरयानी में गौमांस के इस्तेमाल की शिकायत मिली है जहां भी शिकायत आ रही है वहां हम सैंपल इकट्ठा कर जांच के लिये भेज रहे हैं. अभी हमने कुछ सेंपल जांच के लिये हिसार की लैब में भेजे हैं. अगर किसी को दोषी पाया गया तो राज्य के कानून के तहत सज़ा दी जाएगी.” मंगला ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि राज्य के कानून के तहत गौमांस खाना और लाना-ले जाना एक अपराध है.
एनडीटीवी इंडिया ने पीड़िता के बयान के बारे में इस मामले में बनी टास्क फोर्स की निगरानी कर रहे एडीजी शत्रुजीत सिंह से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. सिंह ने कहा, “मैं सोमवार को मेवात में ही था. मैंने वहां जांच कर रहे अधिकारियों से बात की लेकिन किसी ने ये नहीं कहा. ये मैं नई बात सुन रहा हूं.” लेकिन सिंह ने ये ज़रूर बताया कि एक उच्चस्तरीय बैठक में मेवात में हुए मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया गया है.
मेवात में जहां एक ओर हत्या और बलात्कार कांड की जांच सीबीआई को सौंपे जाने से पीड़ितों के लिये इंसाफ की उम्मीद बंधेगी वहीं बिरयानी के सैंपल इकट्ठा किये जाने से डर का माहौल है. एक आला पुलिस अधिकारी ने कहा कि अफसर इस बात से खुश नहीं हैं कि खाने पीने पर नज़र रखने के लिये इस तरह की नज़रबंदी की जा रही है. बिरयानी के सैंपल इकट्ठा करने जैसी संस्कृति से हम बहुत खुश नहीं है.
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