महाराष्ट्र में अजित पवार की बगावत के बाद से सियासी परा चढ़ा हुआ है। अजित पवार ने एनसीपी से बगावत कर रविवार को डिप्टी सीएम की शपथ ले ली थी। इसके बाद एनसीपी की दो फाड़ से महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ गया। एनसीपी के दोनों गुट शरद पवार और अजित पवार एक्टिव मोड में दिखाई दिए। सोमवार को एनसीपी से शिवाजीराव गरजे और विजय देशमुख सहित तीन नेताओं को निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद एनसीपी ने प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से निष्कासित कर दिया।
इस बीच अजित पवार गुट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर NCP पर अपना दावा ठोंका। इसके साथ ही उन्होंने शरद पवार से सुलह का फॉर्मूला भी पेश किया। अजित पवार ने कहा है कि इस नए फॉर्मूले के तहत शरद पवार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इसके साथ ही अजित गुट ने कहा है कि वे नहीं चाहते कि चुनाव दोबारा हो इसलिए पार्टी में आपसी सहमति से फैसले लेने का आग्रह किया गया है। कहा गया है कि आपसी सहमति नहीं होने की स्थिति में चुनाव आयोग को फैसला लेना होगा। अजित पवार ने कहा है कि वे फिलहाल किसी को पार्टी से निष्कासित नहीं कर रहे हैं, बल्कि पार्टी का विस्तार कर रहे हैं।