महाराष्ट्र की राजनीति में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का तूफान अभी भी जारी है। बुधवार, 5 जुलाई को एनसीपी के दोनों गुटों के शक्ति प्रदर्शन के एक दिन बाद गुरुवार को शरद पवार ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इस बीच अजित पवार खेमे ने मुंबई में बड़ा दावा कर कहा है कि उनके पास एनसीपी के 43 विधायकों का समर्थन है। एनसीपी (अजित पवार गुट) नेता छगन भुजबल ने मुंबई में मीडिया से बातचीत में दावा किया कि “हमारे पास 43 विधायक हैं। कुछ विधायक देश के बाहर हैं। कुछ बीमार हैं, कुछ रात को अजीत पवार से मिलने आए थे। उन्होंने कहा, कोई क़ानूनी अड़चन नहीं होगी।” इसके साथ ही भुजबल ने पिछले एक साल से एनसीपी विधायकों को फंड न मिलने का आरोप भी लगाया और कहा कि एनसीपी के विधायकों का काम नहीं हो रहा था।
पिछले एक साल के घटनाक्रम से वाकिफ हैं। फंड के मुद्दे पर सीएम एकनाथ शिंदेने अजित पवार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “अजीत दादा ने उसी समय जवाब दिया था कि किसे कितना फंड दिया था। कोई अन्याय नहीं किया है। इसका खामियाजा तो हमें भी भुगतना पड़ा है। साल भर से कोई फंड नहीं मिल रहा है।” केंद्रीय मंत्री और आरपीआई चीफ रामदास आठवले ने अजित पवार से मुलाकात की है। उन्होंने बताया, “मैं आज अजित पवार से मिला। उन्होंने सही निर्णय लिया है। मैं कई वर्षों से उनके साथ हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी को साथ लेकर चल रहे हैं।
चाहे वह हिंदू हो, मुस्लिम हो या दलित, पीएम मोदी को सभी का समर्थन प्राप्त है। अजित पवार ने मुझे बताया कि उनके मन में यह विचार काफी समय से था। बीजेपी के साथ आने के लिए 2-3 बैठकें (एनसीपी के भीतर) भी हुईं लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला।” यह घटनाक्रम महाराष्ट्र की राजनीति में ताजगी लाए हुए हैं और एनसीपी के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। अजित पवार के दावे के आधार पर पार्टी के समर्थन का दावा कर रहे हैं। इसके साथ ही फंड के मुद्दे पर भी एक विवाद उठा है, जिसमें सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार आमने-सामने आ रहे हैं। इसके अलावा, आरपीआई चीफ रामदास आठवले की अजित पवार से हुई मुलाकात भी महत्वपूर्ण है, जिसमें आठवले ने पीएम मोदी के समर्थन का जिक्र किया है।