प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद से समान नागरिक संहिता पर देश भर में बहस जारी है। संभावना है कि इसी महीने शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार इसे सदन में पेश कर सकती है। मुस्लिम संगठन जहां इसका विरोध कर रहे हैं, वहीं राजनीतिक दलों की राय इसे लेकर बंटी हुई है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने यूसीसी को लेकर पार्टी के रुख पर बयान दिया है।
कांग्रेस नेता ने कहा, हमें पहले यह देखना है कि आखिर सरकार का प्रस्ताव क्या है। सरकार ने अभी तक ड्राफ्ट नहीं रखा है और न ही हितधारकों के साथ किसी भी तरह की कोई चर्चा शुरू की है। इसलिए कांग्रेस पार्टी ने फैसला लिया है कि वह तब तक कुछ नहीं कहेगी जब तक ड्राफ्ट सामने नहीं आता।
समान नागरिक संहिता को लेकर चिंता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, एक डर है कि इससे विभिन्न समुदायों को मिले अधिकारों का हनन हो सकता है। हमें हिंदू कोड बिल लाने के लिए भी आज़ादी के बाद 9 साल लगे और इसलिए लोगों को समझाने में समय लगता है।