भारतीय रेसलिंग फेडरेशन के पूर्व चीफ बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों द्वारा यौन शोषण के आरोप लगाए गए हैं। इन महिला पहलवानों ने अपनी शिकायतों को लेकर सरकारी कमिटी में तथ्यात्मक पेशी दी थी। हालांकि, जब इस मामले पर उनसे पूछताछ की गई, तो उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने यह दावा किया है कि इन आरोपों का कोई सत्यापन नहीं हो सकता और वे निर्दोष हैं।
सरकार द्वारा गठित कमिटी की जांच में, उन्होंने इन आरोपों को गलत बताया था। उन्होंने कमिटी के पैनल के सामने अपनी पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने योग के दौरान महिला पहलवानों की सांसों की गति की जांच की थी। वे यह देख रहे थे कि क्या उनकी सांसें सही ढंग से चल रही हैं या नहीं। सिंह ने इसे समझाते हुए कहा कि उन्होंने योग के ट्रेनिंग कैंप के दौरान महिला पहलवानों की सांसों के पैटर्न की जांच के लिए उन्हें छुआ था, लेकिन उनका कोई गलत इरादा नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें नए कानून के बारे में जानकारी नहीं थी जो संसद से पारित हो गया है।
दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में भी सरकार द्वारा गठित कमिटी द्वारा दिए गए बयानों का उल्लेख किया गया है। कमिटी के पैनल की पूछताछ में महिला पहलवानों ने बताया था कि बृजभूषण शरण सिंह ने उनकी छाती और पेट को 3-4 बार छुआ था। उनके साथी पहलवानों के दावे के अनुसार, उन्होंने उनकी सांसों को चेक करने का बहाना बनाकर गलत तरीके से उन्हें छुआ था।
इसके अलावा, बृजभूषण शरण सिंह ने कमिटी को बताया था कि वह खुद पीड़ित हैं। उन्होंने दुखभरे मन से कहा कि उन्हें यह समस्या 20 साल तक झेलनी पड़ी थी और इसके कारण उन्हें रातों रात नींद नहीं आती थी। इसके अलावा, उनके बेटे की सुसाइड की घटना ने उन्हें डिप्रेशन की ओर धकेल दिया था। उन्होंने बताया कि योग ने उन्हें इस मुसीबत से निकाला। उन्हों