भारत एक बार फिर चांद को छूने के लिए अपना नया स्पेस मिशन चंद्रयान-3 को लॉन्च कर रहा है। इस मिशन में भारत चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने का दूसरा प्रयास करेगा। इसरो ने शुक्रवार को दोपहर 2.30 बजे इस मिशन का लॉन्च किया है। लॉन्चिंग से लेकर चांद पर पहुंचने तक, इसरो इस मिशन का पूरा कार्ययोजना संभालेगा। यह पहले मिशन है जब भारत द्वारा एक स्पेसक्राफ्ट को चंद्रमा के सतह तक सुरक्षित लैंडिंग कराने का प्रयास किया जा रहा है।
इस मिशन के द्वारा भारत को कई लाभ प्राप्त हो सकते हैं। इसके माध्यम से भारत को वैज्ञानिक और विज्ञानिक मानवों को चंद्रमा के बारे में और अधिक ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिलेगी। चंद्रयान-3 अंतरिक्ष में कई वैज्ञानिक प्रयोग भी ले जाएगा, जिससे भारत को चंद्रमा की विशेषताओं का अध्ययन करने में मदद मिलेगी। इससे हमें चंद्रमा की सतह पर उपस्थित मानवों के जीवन की बारे में भी अधिक जानकारी मिलेगी।
चंद्रयान-3 मिशन के मुख्य तीन लक्ष्य हैं। पहला लक्ष्य है चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग करना। दूसरा लक्ष्य है चंद्रमा पर रोवर को सफलतापूर्वक चलाना। और तीसरा लक्ष्य है चंद्रमा पर विभिन्न प्रयोगों का आयोजन करना, जिसके लिए कई यंत्रों का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, इस मिशन के जरिए चंद्रमा से पृथ्वी को देखने वाला एक विशेष यंत्र भी भेजा जाएगा, जो चंद्रमा की विभिन्न विशेषताओं का अध्ययन करेगा।