तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी बेंगलुरु में होने वाली संयुक्त विपक्ष की बैठक में शामिल होंगे। यह बैठक 18 जुलाई को होगी। ममता बनर्जी ने पहले संयुक्त विपक्ष की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था, लेकिन अब वे इसे समर्थन कर रही हैं। ऐसा में उनका यह रुख विपक्ष के मनोबल को बढ़ाने में मदद करेगा।
बेंगलुरु में होने वाली संयुक्त विपक्ष की बैठक में 24 दलों को आमंत्रित किया गया है। अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को चुनौती देने को लेकर यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। विपक्ष ने महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम को भूलकर विपक्षी एकजुटता को विस्तार देने की रणनीति अपनाई है।
जिन दलों को बेंगलुरु में होने वाली बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है, उनमें मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके), कोंगु देसा मक्कल काची (केडीएमके), विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), केरल कांग्रेस (जोसेफ) और केरल कांग्रेस (मणि) शामिल हैं। ये सभी पहली बार बैठक में शामिल होंगे। इन्हें पटना में हुई बैठक में नहीं बुलाया गया था।
गौरतलब है कि केडीएमके और एमडीएमके पहले 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के सहयोगी थे। ऐसा माना जा रहा है कि सोनिया गांधी भी इस बैठक में शामिल होंगी। उन्होंने 17 जुलाई की रात को विपक्षी दलों के नेताओं के लिए डिनर का कार्यक्रम रखा हुआ है।