भारत के 235 जिलों में बाढ़ के कारण प्रभावित होने से देशभर में विपदा का माहौल है। इस अलावा, इस आपदा के कारण 10 हजार मकान नष्ट हो गए हैं और 2.50 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है। साथ ही, इस भयानक प्राकृतिक आपदा के कारण 21 हजार से अधिक जानवरों की मृत्यु हो चुकी है।
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में लैंडस्लाइड के कारण एक पूरा गांव तबाह हो गया है। इस आपदा में 16 लोगों की मौत हो गई है। रायगढ़ में स्थित 6 नदियां, जैसे कि अंबा, सावित्री और पातालगंगा, खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। अधिकारियों ने बताया है कि कुंडलिका, गढ़ी और उल्हास नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है।
इस संकटमय परिस्थिति के बीच, महाराष्ट्र में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) द्वारा 12 टीमें तैनात की गई हैं। साथ ही, गुजरात में भी भारी बारिश के चलते 6 जिलों में NDRF की टीमें तैनात की गई हैं।
यह प्राकृतिक आपदा देशवासियों के लिए वास्तविकता को दर्शाती है और सरकारी अधिकारियों के साथी एवं राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) जैसी संगठनों का महत्व बढ़ाती है, जो ऐसी स्थितियों का सामना करने में सक्षम होती हैं। लोगों को सतर्क रहने, आपदा प्रबंधन की योजनाओं को मजबूत करने और सुरक्षित इलाकों का विकास करने की आवश्यकता है ताकि इस तरह की घटनाएं कम हो सकें।