दिल्ली के राउज एवेन्यु कोर्ट ने बुधवार (26 जुलाई) को छत्तीसगढ़ के कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितताओं से संबंधित सीबीआई मामले में पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा, उनके बेटे देवेंदर दर्डा, और मेसर्स जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मनोज कुमार जयसवाल को 4 साल की कैद की सजा सुनाई है।
इसी मामले में अन्य भी आरोपियों को सजा सुनाई गई है। पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, 2 वरिष्ठ लोक सेवकों केएस क्रोफा और केसी सामरिया को भी 3 साल की कैद की सजा मिली है।
इस मामले में दोषी ठहराए जाने के साथ-साथ, विजय दर्डा और देवेंदर दर्डा पर 15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा है, जबकि मनोज कुमार जयसवाल पर भी 15 लाख रुपये का जुमार्ना लगाया गया है। पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को 3 साल की सजा के अलावा 10 हजार रुपये का जुर्माना भी सुनाया गया है।
सीबीआई ने इस मामले में दोषियों को अधिकतम सजा देने की मांग की थी और अदालत ने उनकी मांग को स्वीकार करते हुए सजा सुनाई है। पहले ही 13 जुलाई को, कोर्ट ने विजय दर्डा, पूर्व कोयला सचिव समेत पांच अन्य आरोपियों को मामले में दोषी ठहराया था।
यह मामला छत्तीसगढ़ के कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित है जिसमें सीबीआई ने विजय दर्डा और उनके बेटे के बीच अनियमितताओं की जांच की थी। सीबीआई ने इसमें धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोपियों को दोषी ठहराया था। अदालत ने यहां तक कि विजय दर्डा और पूर्व कोयला सचिव के बीच बैठकों के भी आरोप प्रमाणित किए गए थे।
इस सजा के बाद, सीबीआई को अपने विशेषाधिकारियों को और सख्ती से आगे बढ़कर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई करने का संदेश मिला है।