आजकल कम्युनिकेशन तकनीक ने अपनी रफ़्तार से विकसित होने के साथ हर व्यक्ति की ज़िंदगी को फ़ोन के इर्द-गिर्द घुमाया हुआ है। अब हर काम को आसानी से एक फोन कॉल के ज़रिए ही पूरा किया जा सकता है। हालांकि, ऐसे में कुछ लोग हैं जिनके लिए फोन कॉल करना चिंता का कारण बन जाता है। जी हाँ, जब उनके फोन की बेल बजती है, तो उन्हें घबराहट और चिंता की भावना होती है। फोन उठाने से पहले वे बार-बार सोचते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो यह एक तरह की समस्या हो सकती है। इसे फोन कॉल एंग्जाइटी के नाम से जाना जाता है। हम इसे टेलीफ़ोबिया या टेलीफ़ोनिक चिंता भी कह सकते हैं। इस लेख में हम इस समस्या के बारे में विस्तार से जानेंगे।
फोन कॉल एंग्जाइटी एक अजीब तरह की चिंता है, जिसे व्यक्ति फोन कॉल करते या उठाते समय महसूस करता है। इसमें व्यक्ति को फोन पर किसी से बात करने का मन नहीं करता है। वे यह सोचने लगते हैं कि सामने वाला व्यक्ति फोन पर उनसे किस तरह से बात करेगा। फोन पर बात करते समय कुछ असुविधा होगी तो वे उससे भी डरते हैं। जैसे कि दिल की धड़कन बढ़ जाना, हाथ कांपना, बोलने में हिचकिचाहट आदि। इसके कारण वे फोन कॉल को टाल देते हैं या देर करते हैं।
फोन कॉल एंग्जाइटी की वजह से कई स्थितियों में लोग परेशान हो सकते हैं। किसी जॉब रिलेटेड फोन कॉल या बिजनेस से जुड़ी डिस्कशन के दौरान भी यह चिंता उत्पन्न हो सकती है। समय पर फोन उठाने या अपॉइंटमेंट लेने में असुविधा का ख्याल भी इस चिंता का कारण बनता है। जब इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति फोन कॉल करने का निर्णय लेने में असमर्थ होता है, तो उन्हें आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच के साथ इस समस्या का सामना करना चाहिए।