मोदी के गुरु पर क्यों हुई एफआईआर, पहले कब कब विवादों में घिरे

महात्मा गांधी को लेकर हुई आपत्तिजनक टिप्पणियों के चलते महाराष्ट्र के अमरावती जिले में समाजसेवी संभाजी भिड़े के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस घटना के पश्चात कांग्रेस ने संभाजी भिड़े के विरुद्ध एफआईआर दर्ज न होने पर राज्यव्यापी आंदोलन की धमकी दी थी।श्री शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान संस्था के संस्थापक मनोहर, जिन्हें ‘संभाजी भिड़े’ के नाम से भी जाना जाता है, ने हाल ही में अमरावती में आयोजित सभा में महात्मा गांधी पर विवादास्पद टिप्पणियां की थीं। इसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस के नेताओं ने उनकी गिरफ्तारी की मांग उठाई थी।

रविवार को अमरावती जिले की राजापेठ पुलिस ने संभाजी भिड़े के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है। इस धारा के तहत विभिन्न समूहों के बीच धर्म, रंग एवं भाषा के आधार पर शत्रुता बढ़ाने का मुकदमा दर्ज किया गया है। यह आंदोलन और मामला दोनों ही समाज में गहरे विवादों को उत्पन्न कर गए हैं।

आपको बता दे की संभाजी भिड़े महाराष्ट्र के सांगली जिले के रहने वाले हिंदू संगठन श्रीशिव प्रतिष्ठान के सदस्य हैं। उनके भतीजे बाबाराव भिड़े आरएसएस के बड़े कार्यकर्ता हैं। संभाजी ने 1984 में श्रीशिव प्रतिष्ठान की स्थापना की थी और उनका लक्ष्य है हिंदुओं को शिवाजी और संभाजी के ब्लड ग्रुप का बनाना।2018 में भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा मामले में संभाजी भिड़े और हिंदू एकता अघाड़ी के मिलिंद एकबोटे पर केस दायर हुआ था, जिसमें हिंसा भड़काने का आरोप था। लेकिन बाद में माले को घुमा दिया गया और संभाजी भिड़े को बचने के लिए कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी की गई जिसका मामला अभी भी अदालत में चल रहा है

2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने संभाजी भिड़े से मुलाक़ात की थी और रायगढ़ किले पर उन्हें प्रशंसा की थी। पीएम मोदी ने उन्हें गुरु जी के रूप में सम्मानित किया और उनके सामाजिक कार्य को सराहा।यह विवाद संभाजी भिड़े के चारित्रिक रूप से और संगठनिक संबंधों के माध्यम से समाज में गहरे विचार-विमर्श को उत्पन्न करता है। इसके चलते उन्हें चर्चा में आने का मौका मिला है।

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