वो एम्स जैसे बड़े संस्थान में सीनियर डॉक्टर थी. दुनिया का दुख दूर करती, थकी हारी घर आती और उसके बाद उसका अपना दुख उसे घेर लेता. पति पायलट था. पायलट भी सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया में. दोनों पढ़े लिखे थे. माता पिता ने बढ़िया प्रोफेशन देखकर रिश्ता भी चुना था. लेकिन रितु का दिन तो काम करते बीत जाता पर रात जब आती तो फिर ज़िंदगी अज़ाब हो जाती.
पायलट पति मधुविहार के कूर्मांचल अपार्टमेंट की दीवारें गालियों की आवाज़ से भर देता. उसके साथ ही एम्स की डॉक्टर की चीख भी सुनाई देती थी. पड़ोसी शोर सुनते और चुपचाप बैठ जाते. डॉक्टर रितु बन्गोती अपनी दो साल की बच्ची की खातिर सारा अत्याचार झेलती लेकिन चुर रहती . 6 महीने पहले तक ज़िंदी ऐसी नहीं थी लेकिन अचानक कहीं से तूफान आ गया. झगड़ा क्यों होता था अबतक नहीं पता चला लेकिन एक दिन दुखी रितु ने जिंदगी में सबसे खतरनाक तरीके से इंजेक्शन का इस्तेमाल किया. उसने अपने हाथ में जिंदगी में आखिरीबार ऐसा इंजेक्शन लगाया जो उसे उसके बाद कभी भी कोई इंजेक्शन लगाने के लायक नहीं छोड़ने वाला था. इंजेक्शन लगाने से पहले रितु ने एक सुसाइड नोट भी लिखा. घरवालों का आरोप है कि रितु का सुसाइड नोट पुलिस ने दबा लिया है. वो उसे शेयर नहीं कर रही.