बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने लोकसभा चुनाव के प्रति अपने संगठन को मजबूती प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। उन्होंने संगठन की कैडर को मजबूत बनाने, छोटी-छोटी बैठकों के माध्यम से गांव-गांव तक अपने जनाधार को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की, जो विशेष रूप से आगामी चुनाव के लिए महत्वपूर्ण होगी।
मायावती ने यह भी दिशा निर्देशित किया कि सर्वसमाज में अपने जनाधार को बढ़ाने के लिए पूरी पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों, प्रभारियों और अन्य जिम्मेदार लोगों के साथ मिलकर कठिनाइयों को दूर करने की आवश्यकता है। वे बीएसपी को एक सशक्त संगठन बनाने के लिए संकल्पित हैं और अपनी दिशा-निर्देशों के साथ संगठन की ताकद को बढ़ाने के प्रति पूरी आवश्यकता को समझ रही हैं।
बीएसपी की सुप्रीमो ने आगामी चुनाव की रणनीति की भी चर्चा की, जिसमें विशेष ध्यान देने का आलंब दिया। उन्होंने यह भी तय किया कि पार्टी अपने उम्मीदवारों के चयन में सावधानी बरतेगी और लोकसभा चुनाव में पार्टी खुद के दम पर सभी सीटों पर उतरेगी।
मायावती ने यह भी व्यक्त किया कि गठबंधन के चलते पार्टी को नुकसान होने की स्थिति बन चुकी है, क्योंकि अक्सर गठबंधन की पार्टियां अपने वोटों को बीएसपी के उम्मीदवारों को ट्रांसफर नहीं करती हैं, जबकि बीएसपी का वोट आमतौर पर गठबंधन की दूसरी पार्टी को ट्रांसफर हो जाता है। इसके बावजूद, अन्य पार्टियां बीएसपी के उम्मीदवारों के पक्ष में अपने वोट को ट्रांसफर करने की नीति को नहीं अपनाती हैं, जो बीएसपी के समर्थकों के मनोबल को प्रभावित करता है। इस परिस्थिति में वह स्पष्ट कर दिखाती हैं कि बीएसपी ना केवल सत्ता के साथ-साथ विपक्ष में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।