कांग्रेस के सांसद और पूर्व प्रमुख राहुल गांधी इन दिनों लद्दाख के दौरे पर हैं। इस दौरान, उन्होंने शुक्रवार (25 अगस्त) को कारगिल भी यात्रा की। कारगिल सन् 1999 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के क्षेत्र के रूप में भी मशहूर है। राहुल गांधी ने बाइक से इस स्थल पर पहुंचकर कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं द्वारा गर्मी और उत्साह से स्वागत किया।
इस यात्रा के दौरान, उन्होंने युवाओं को भी संबोधित किया। युवाओं ने उनसे आगामी मुद्दों पर बोलते हुए उनसे बेबाकी से सवाल पूछे। एक युवा ने उनके सामने अपनी बात रखते हुए कहा, “हमारा मुस्लिम होना, हमारी पहचान, जिसे हम गर्व से धारण करते हैं, हमें गर्व महसूस होता है; हम मुस्लिम होने पर गर्व महसूस करते हैं। हम इस पहचान को मजबूती से बनाए रखना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि यह गर्व बरकरार रहे। हमने यह देखा है कि देश में युवाओं को छोटे मामूले आरोपों पर, भाषणों पर कैद किया गया है; हम जानना चाहते हैं कि जब आप सत्ता में आएंगे, तो आप उन चुनौतियों का सामना कैसे करेंगे जिनका भारतीय मुस्लिम अभी सामना कर रहे हैं?”
इस पर राहुल गांधी ने कहा, “आपने सही बात कही है कि भारत में मुस्लिम समुदाय पर हमले हो रहे हैं। यह सच है, लेकिन आपको यह भी समझना चाहिए कि ये हमले केवल मुस्लिम समुदाय पर ही सिमित नहीं हैं; ये दलितों, अल्पसंख्यकों और अन्य समुदायों पर भी हो रहे हैं।”
उस युवा ने आगे कहा, “हमारी बात कहने के लिए ऐसे मंच बहुत कम मिलते हैं। यह एक ऐसा मंच है जहां हम बिना झिझक के अपनी बात कह सकते हैं। हम अपनी समस्याओं की बात करने में डरते हैं, हम नहीं चाहते कि सरकार हमारे खिलाफ कदम उठाए। हम नहीं चाहते कि हमारे सरकारी नौकरी के अवसर हमसे छीने जाएं। जब आप सत्ता में आएंगे, तो आप क्या कदम उठाएंगे?”
राहुल गांधी ने उसके सवाल का उत्तर देते हुए कहा, “आपने बिल्कुल सही कहा कि भारत में मुस्लिम समुदाय के साथ अन्य समुदायों पर भी हमले हो रहे हैं। यह सच है, और हम इसे सही बताते हैं। जब हम सत्ता में होंगे, तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी समुदाय के साथ अन्याय नहीं होगा। हम सभी के साथ एक समान और न्यायपूर्ण दृष्टिकोण से पेश आएंगे।”
इस बीच, एक युवा ने राहुल गांधी से पूछा कि क्या आप जेल में बंद मुस्लिम युवाओं को छोड़ देंगे? उनके जवाब में राहुल गांधी ने कहा, “हम कोर्ट के आदर्शों का पालन करने के लिए बाध्य हैं। हम संविधानिक प्रक्रिया का पालन करने के बिना काम नहीं कर सकते। अगर मुझे सुप्रीम कोर्ट ने किसी को रिहा करने का आदेश नहीं दिया होता, तो मैं उसका उल्लंघन नहीं कर सकता। हम राजनीतिक दल के रूप में संविधानिक मार्गदर्शकों का पालन करने के लिए संकल्पित हैं।”
राहुल गांधी ने आगे कहा, “आपका कहने का तरीका सही है, हम यहां पर सिर्फ़ एक ही समुदाय की बात नहीं कर रहे हैं; हम सभी समुदायों की बात कर रहे हैं। हमें बिल्कुल यह चाहिए कि हम एक-दूसरे के साथ न्यायपूर्ण और समानभाव से व्यवहार करें, और उन्हें अपने अधिकारों का लाभ उठाने में सहायता प्रदान करें।