दिल्ली एम्स में इलाज करवाने आ रहे मरीजों को अब अलग-अलग जगह भटकने की जरूरत नहीं होगी, जैसा कि डॉक्टर्स और मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एम्स ने निर्णय लिया है। अब मरीजों के ब्लड और अन्य नमूने एक ही स्थान पर जमा किए जाएंगे। इसके साथ ही, 1 सितंबर से रिपोर्ट ई-अस्पताल के माध्यम से प्राप्त की जा सकेगी। एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने इस निर्णय को लागू करने के लिए आदेश जारी किया है।
इस आदेश में यह उल्लिखित है कि मरीजों को अक्सर एक जगह से दूसरी जगह भटकते रहने की आवश्यकता पड़ती है ताकि वे अपने नमूनों को जमा करा सकें और रिपोर्ट प्राप्त कर सकें। इससे मरीजों को असुविधा होती है। इसी कारण अब सभी प्रकार के सैंपल को ओपीडीएस (आपरेटिव डिपार्टमेंट स्पेशलिस्ट) में ही एकत्र किया जाएगा। वहीं, सभी प्रकार की रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक रूप से या संबंधित ओपीडी से प्राप्त कराई जाएगी।
एम्स के निदेशक ने 31 अगस्त तक ओपीडी में संबंधित सैंपल संग्रह और रिपोर्ट संग्रह केंद्रों की पहचान करने और इस सुविधा को शुरू करने का आदेश दिया है। इसके परिणामस्वरूप, 1 सितंबर से सभी सैंपलों की रिपोर्ट का कलेक्शन ओपीडी से होगा। अब मरीजों को फोटो कॉपी पेपर देने के लिए यहाँ-वहाँ भटकने की आवश्यकता नहीं होगी। एम्स निदेशक ने विभागों से यह आदेश जारी किया है कि उन्हें मरीजों और तीमारदारों को सुविधा प्रदान करने के लिए फोटो कॉपी देने की सुविधा देने की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि उन्हें इधर-उधर नहीं भटकना पड़े।
इससे पहले एम्स की मीडिया डिविजन की चेयरपर्सन डॉ. रीमा दादा ने बताया कि हर दिन अनगिनत मरीज एम्स में इलाज के लिए आते हैं, और इसके साथ ही उनके परिजन भी होते हैं। इसके कारण दिल्ली मेट्रो के सहारे अगले स्थानों से आने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। वे बताती हैं कि येलो लाइन मेट्रो के
एम्स मेट्रो स्थान और पिंक लाइन के साउथ एक्सटेंशन मेट्रो स्थान से एम्स पहुंचा जा सकता है। वे उम्मीद करती हैं कि लास्ट माइल कनेक्टिविटी में सुधार होने से इन स्थानों से अम्बिकापुर स्थित विभिन्न सेंटरों के बीच आवागमन में भी बेहतरी होगी।