सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की भारत यात्रा के बारे में चर्चा हो रही है, जो 20 समिट के समापन के बाद होने की संभावना है। उनके इस यात्रा के दौरान, वे 9-10 सितंबर को भारत आने की सम्भावना जता रहे हैं, जो कि शिखर सम्मेलन के पश्चात्ताप हो सकता है। मोहम्मद बिन सलमान ने 2019 में आखिरी बार भारत का दौरा किया था।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस को भारत आने के लिए न्योता दिया था, जो दोनों देशों के रिश्तों की मजबूती को प्रकट करता है। भारत और सऊदी अरब के बीच अन्य मुस्लिम देशों के साथ तुलना में अपने रिश्तों की प्राथमिकता देते हैं, और इससे भारत में क्राउन प्रिंस के राजनीतिक दौरे का विशेष महत्व है।
विपणन टाइम्स के अनुसार, इस दौरे के समय, दोनों देशों के उच्च अधिकारी समझौतों, वाणिज्यिक मुद्दों और सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कर रहे हैं। हाल ही में, सऊदी अरब ने बिक्स देशों में शामिल होने का निर्णय लिया है, जिससे उनका भारत से संबंध और भी मजबूत होता है।
भारत और सऊदी अरब के बीच व्यापारिक सहयोग में भी वृद्धि दिखाई दे रही है। विशेष रूप से, कच्चे तेल और एलपीजी के क्षेत्र में सहयोग से, सऊदी अरब भारत की ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सन् 2021-22 में, दोनों देशों के बीच 42 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था।
सऊदी अरब में भारतीय निवेश की वृद्धि हो रही है, जो पिछले कुछ वर्षों में 2 बिलियन डॉलर से अधिक हो चुका है, और भारत में सऊदी अरब ने 3 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब के दौरे पर जाते समय दोनों देशों के रिश्तों में नई दिशा देने का प्रयास किया था। इसके बाद, दोनों देशों के नेताओं ने स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप काउंसिल की स्थापना की, जिससे उनके सहयोग को नए उच्चांकों तक पहुँचाया गया।